हेलो दोस्तों मैं शहज़ादी हूं, आज मैं एक नई सेक्स स्टोरी लेकर आ गई हूं जिसका नाम है “नारियल का तेल लगा कर चचेरी बहन की चुदाई-चचेरी बहन की चुदाई“ यह कहानी प्रेम की है आगे की कहानी आपको प्रेम बताएँगे मुझे यकीन है कि आप सभी को यह पसंद आएगी|
दोस्तों, मेरा नाम अर्नव है. मैं फरीदाबाद से हूँ.(चचेरी बहन की चुदाई)
आज मैं आपको बहन की चुदाई की सच्ची कहानी बताना चाहता हूँ. यह कहानी मेरे और मेरी बहन के बीच हुई एक सच्ची घटना है. मैं अपने बारे में बता दूँ कि मैं 26 साल का हूँ. मैं गोरा हूँ और मेरी हाइट 5.6 फ़ीट है.
मेरी एक बहन है जिसका नाम आरती है. वो हाइट में मुझसे छोटी है लेकिन बहुत सेक्सी लगती है. वो भी गोरी है और उसका फिगर 34-32-36 है. वो भी दिल्ली में रहती है.
मैं अक्सर उसके घर जाता रहता हूँ और उसके माता-पिता यानी चाचा और चाची से हमारे अच्छे संबंध हैं. कुल मिलाकर सब कुछ बढ़िया है.
एक दिन मैं किसी काम से आरती के घर गया. चाचा की जॉब है इसलिए वो घर पर नहीं थे. घर पर सिर्फ़ चाची और आरती ही थीं.(चचेरी बहन की चुदाई)
जैसे ही मैं उसके घर पहुँचा और डोरबेल बजाई तो आरती ने अंदर से दरवाजा खोला. मैंने देखा कि उसने गाउन पहना हुआ था और वो बहुत खूबसूरत लग रही थी. शायद उसने नया खरीदा था. मैंने देखा कि उसके चूचे उसमें टाइट और आकर्षक लग रहे थे. मैं उसे देखता ही रह गया.
मैंने उसे पहली बार ऐसे देखा था और मेरे मन में उसके बारे में ऐसे विचार आने लगे. इसके बाद मैं फिर से अंदर चला गया.
सामने चाची बैठी थी तो मैं उनसे बात करने लगा और आरती चाय बनाने के लिए किचन में चली गई. आरती चाय लेकर आई और मुझे और चाची को चाय दी. उसने अपने लिए चाय ली और मेरे बगल में सोफे पर बैठ गई. हम तीनों चाय पी रहे थे तो मेरी नज़र बार-बार आरती के चूचो पर जा रही थी.
बात करते-करते मुझे लगा कि चाची की तबियत ठीक नहीं है तो चाय पीने के बाद वो बोली- बेटा तुम दोनों बात करो, मेरी तबियत ठीक नहीं है तो मैं थोड़ा आराम कर लूंगी. चाची ये कहकर कमरे के अंदर चली गई.
आरती और मैं बात करने लगे. मैंने उससे कहा- आरती , क्या तुमने ये ड्रेस नई खरीदी है?
वो बोली- हां, नयी है, इसीलिए पहन रही हूं।(चचेरी बहन की चुदाई)
मैंने कहा- तुम अच्छी लग रही हो।
वो बोली- थैंक यू भैया।
आरती और मैं एक दूसरे से थोड़े खुले हुए थे। हम मॉडर्न भी थे, इसलिए हम दोनों एक दूसरे को बहुत सारी बातें बताते थे। हालांकि मुझे पहले से पता था कि आरती का कोई बॉयफ्रेंड नहीं है।
मैंने फिर भी पूछा- आरती , क्या तुमने अपनी फोटो खींची है?
वो बोली- हां, खींची है।
मैंने कहा- तो तुमने किसे भेजी? अपने बॉयफ्रेंड को?(चचेरी बहन की चुदाई)
वो बोली- यार, बॉयफ्रेंड कहां है? तुम्हें तो पता है कि मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है।
“लेकिन मुझे लगा कि शायद तुमने कोई बॉयफ्रेंड बना रखा होगा, इसीलिए पूछा।” मैंने कहा।
“नहीं, ऐसा कुछ नहीं है, अगर ऐसा है तो तुम्हें जरूर पता चल जाएगा।”
ये कहते हुए वो हंसने लगी। वो सेक्सी लग रही थी। पता नहीं मैं खुद को कैसे कंट्रोल कर रहा था। मेरा मन कर रहा था कि अभी उसे किस कर लूं। मैंने कहा- आरती , क्या मैं तुमसे कुछ कह सकता हूँ?
उसने कहा- हाँ, बताओ। अगर तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड होता और वो आज तुम्हें देखता तो खुद को रोक नहीं पाता। तुम आज बहुत अच्छी लग रही हो। यह कहते हुए मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसके चूचे देखने लगा।
उसने मेरी तरफ देखा और कहा- भाई, मैं तुम्हारी बहन जैसी हूँ। तुम मुझे अपनी बहन मानते हो और मेरे बारे में ऐसी बातें कर रहे हो? उसे गुस्सा आ गया और मैंने अपना हाथ खींच लिया और उससे सॉरी बोला।
मैं उठकर बाथरूम में चला गया लेकिन अपना मोबाइल वहीं छोड़ आया। मैंने उसमें चुपके से उसकी कुछ तस्वीरें खींच ली थीं। उसे इस बारे में पता नहीं था। तस्वीरों के अलावा मेरे फोन में कुछ पोर्न वीडियो भी थे।(चचेरी बहन की चुदाई)
मैं बाथरूम में गया और मुठ्ठी मारने लगा और वहीं झड़ गया। मैं क्या कर सकता था, आरती को देखने के बाद मुझे खुद को शांत करना पड़ा। आरती ने मेरा मोबाइल लिया और देखने लगी कि मेरे मोबाइल में क्या है। पहले उसने अपनी फोटो देखी और बाद में पोर्न फिल्म देखने लगी। अचानक मैं पीछे से आया और मैंने देखा कि वो फिल्म देख रही है।
पर मैंने ऐसे रिएक्ट किया जैसे मैंने कुछ देखा ही नहीं और जाकर बैठ गया।
वो बोली- क्या मैं कुछ कह सकती हूँ?
मैंने कहा- हाँ, बोलो।
वो बोली- तुम मेरे भाई हो, इसलिए मुझे गुस्सा आया पर मुझे भी लगता है कि कोई तो होना चाहिए जिससे मैं अपनी बात कह सकूँ।
मैंने हिम्मत जुटाई और उसका हाथ पकड़ लिया और कहा- जब तक कोई नहीं है, मैं तुम्हारे साथ हूँ। जब तुम्हें इस तरह बात करने का मन करे, तो उस समय तुम्हें भूल जाना चाहिए कि तुम्हारे और मेरे बीच भाई-बहन का रिश्ता है।
वो बोली- पर ऐसे कैसे?(चचेरी बहन की चुदाई)
ये कहते ही वो निराश हो गई।
मैंने कहा- मैं तुम्हारा सगा भाई नहीं हूँ कि ये नहीं कर सकता। मैं तुम्हारी मदद करने के लिए तैयार हूँ। अब तुम खुद ही देखो तुम्हें क्या करना है। फिर ये कहते हुए मैंने उसका हाथ कस कर भींच लिया और उसके थोड़ा और करीब चला गया।
अब मैं उसका हाथ सहला रहा था। उसे शायद अच्छा लगने लगा था और वो कुछ नहीं बोली। ऐसा करते हुए हम बहुत करीब आ गए और मैंने उसे अपनी बाहों में ले लिया। मेरे होंठ उसके होंठों के बहुत करीब थे।
मैंने उसे हल्के से चूमा और वो तुरंत पीछे हट गई, बोली- क्या कर रहे हो? मम्मी अंदर हैं।
मैंने कहा- तैयार हो जाओ हम दूसरे कमरे में चलेंगे।(चचेरी बहन की चुदाई)
“लेकिन मम्मी की मौजूदगी में?”
मैंने कहा- चाची सो रही हैं और मैंने उनके कमरे का दरवाज़ा पहले ही बंद कर दिया है।
मैंने उसे अपनी तरफ खींचा और चूमना शुरू कर दिया। अब वो भी मुझे चूमने लगी और मैं उसके tight boobs दबाने लगा। अब वो कराहने लगी।
मैंने कहा- क्या हम अंदर चलें? मेरी जान…
वो बोली- चलो।
मैंने उसे अपनी बाहों में उठाया और कमरे में चला गया। मैंने कमरे को अंदर से बंद कर दिया और हम दोनों बिस्तर पर लेट गए और चूमना शुरू कर दिया। मैंने एक-एक करके उसके सारे कपड़े उतार दिए और उसके चूचे चूसने लगा।
वो कराहने लगी- आआह्ह… उम्म…(चचेरी बहन की चुदाई)
अब मैंने अपना हाथ उसकी चूत पर रखा और सहलाने लगा, तो वो सिहर उठी और उसने अपने पैर कस लिए। मैं उसे चूमता रहा और धीरे-धीरे उसकी tight pussy को रगड़ता रहा। अब उसने अपनी टाँगें खोल दीं और मजे लेने लगी।
अब मैं धीरे-धीरे नीचे की ओर बढ़ने लगा। मैंने उसके चूचे चूमे और उन्हें चूसना शुरू किया और धीरे-धीरे उसके पेट को चूमते हुए मैं अपनी बहन की चूत तक पहुँच गया। उसकी कराहें अब बहुत तेज़ हो गई थीं।
अब मैंने अपने कपड़े उतारे और अपना tight land उसके हाथ में थमा दिया। मेरा लंड 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है।
मेरा लंड देखकर वो बोली- भैया, ये तो बहुत मोटा और बड़ा है।
मैंने मजे लेने के लिए कहा- क्या ये बड़ा है मेरी जान?
“ये तुम्हारा लंड है।”
“हाँ, ये बड़ा है, लेकिन तुम्हारी चूत के लिए शायद छोटा हो सकता है।” मैंने कामुक लहजे में कहा।(चचेरी बहन की चुदाई)
वो बोली- मत डालो वरना बहुत दर्द होगा।
मैं मन ही मन सोच रहा था कि आज मैं बहनचोद बन जाऊंगा. मैंने कहा- हां, दर्द तो होगा लेकिन थोड़ा सा… उसके बाद अच्छा लगेगा, तुम खुद ही देख लेना.
ये कहते हुए मैंने अपना लंड उसके मुंह के पास ले जाकर कहा- अब इसे मुंह में लेकर चूसो.
मेरी मुंहबोली बहन ने मेरा लंड मुंह में लिया और मजे blowjob देने लगी. उसने शायद पहली बार लंड मुंह में लिया था, इसलिए वो लंड को लेकर ज्यादा उत्तेजित हो रही थी.(चचेरी बहन की चुदाई)
जब उसे चूसने में बहुत देर हो गई तो मैंने अपना लंड उसके मुंह से निकाला और उसकी चूत के पास ले जाकर अपने लंड से उसकी चूत को सहलाने लगा.
वो तड़पने लगी और कराहने लगी.
अब मैं भी खुद पर काबू नहीं रख पा रहा था, तो मैंने कहा- अब मुझे इसे अंदर डालना है, क्या तुम तैयार हो?
“ठीक है लेकिन धीरे से डालना.” उसने कामुक आवाज में जवाब दिया.
मैं उसके ऊपर आ गया और अपना लंड उसकी चूत पर लगाने लगा. उसने अपने हाथ से मेरे लंड को अपनी चूत पर सेट किया. मैंने हल्का सा धक्का दिया और लंड अपनी जगह से हट गया. उसने फिर से लंड डाला और फिर हट गई.(चचेरी बहन की चुदाई)
करीब 2-3 बार धक्का देने के बाद मैंने धक्का मारा और इस बार मेरे लंड का टोपा उसकी चूत में चला गया और वो चिल्लाई- उम्म्ह… आह… हय… याह… धीरे… आह, बहुत दर्द हो रहा है.
फिर मैंने थोड़ा रुककर एक जोरदार धक्का मारा और पूरा लंड उसकी चूत में चला गया.
वो चिल्लाने लगी लेकिन मैंने अपने होंठों से उसका मुंह बंद कर दिया और लंड को बाहर खींच लिया और फिर थोड़ा और जोर लगाया और पूरा लंड चूत के अंदर चला गया.
उसके मुंह से आवाज़ निकली लेकिन लिप-लॉक की वजह से ज़्यादा नहीं.
मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किए और वो अब शांत हो गई और चुदाई का मज़ा लेने लगी. उसका दर्द कम हो रहा था और अब उसके मुंह से कराहें निकल रही थीं.(चचेरी बहन की चुदाई)
अब मैंने पोजीशन बदली और उसे घोड़ी बनने को कहा. वो घोड़ी वाली पोजीशन में आ गई. मैं उसके पीछे गया और अपने लंड से उसकी चूत को रगड़ने लगा.
रगड़ते हुए वो बोली- अब अंदर डाल दो प्लीज… मैं रुक नहीं पा रही हूँ.
मैंने कहा ठीक है और अपने लंड पर नारियल का तेल लगाया और कहा- इससे रगड़ो तो उसने मेरे लंड पर रगड़ा, मैंने उसकी चूत पर तेल लगाया.
अब मैंने उसे फिर से पोजीशन में आने को कहा और वो जल्दी ही झड़ गई.(चचेरी बहन की चुदाई)
मैं उसके पीछे गया और लंड को सेट करके एक जोरदार धक्का मारा और एक ही धक्के में लंड पूरा अंदर चला गया. मैं उसके ऊपर चढ़ गया और वो मेरे नीचे आ गई.
मैंने उसकी चूत को तेजी से चोदना शुरू किया और वो भी मजे लेने लगी और फिर मेरा पूरा साथ देने लगी. अब हम दोनों ही सेक्स का मजा ले रहे थे.
मैंने अपनी स्पीड थोड़ी बढ़ा दी और वो और तेज आवाजें निकालने लगी. मैं उसकी चूत को तेजी से चोदने में लगा हुआ था और वो जल्दी ही अपने चरम पर पहुँच गई.
मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी. अब मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसके चूचे दबाने लगा और उसके निप्पल को जोर से खींचने लगा.
अब मैं भी झड़ने वाला था. आह्ह… ओह्ह… हाय… उसकी चूत में मेरे लंड की आवाजें आ रही थी. मैं अब झड़ने के कगार पर था और मेरे लंड ने उसकी चूत में माल छोड़ना शुरू कर दिया।
माल निकलने के बाद मैं कुछ देर तक उसके ऊपर लेटा रहा और फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया। लंड माल से सना हुआ था। मैं एक तरफ लेट गया और उसने लंड को मुंह में लेकर साफ किया और हम दोनों कुछ देर ऐसे ही लेटे रहे। फिर हमने अपने कपड़े पहने, एक दूसरे को चूमा और बाहर आ गए।(चचेरी बहन की चुदाई)
मैंने उससे पूछा- तुम्हें मजा आया?
वो बोली- मजा तो बहुत आया पर थोड़ा दर्द भी है।
मैंने कहा- थोड़ी देर दर्द रहेगा फिर ठीक हो जाएगा।(चचेरी बहन की चुदाई)
हमने चाची के कमरे का दरवाजा खोला और सोफे पर जाकर बैठ गए। उसे बैठने में थोड़ी दिक्कत हो रही थी।
थोड़ी देर बाद चाची आईं और आरती फिर से चाय बनाने किचन में चली गईं। उसे चलने में भी थोड़ी दिक्कत हो रही थी।
जब चाची ने यह देखा तो पूछा- अचानक क्या हो गया? चलने में क्या दिक्कत हो रही थी?
उसने बात टाल दी और बहाना बनाया कि बाथरूम में फिसलने से पैर में मोच आ गई है। उसके बाद मैंने उसे कई बार चोदा। अब जब भी उसे समय मिलता है, वो मुझसे अपनी चूत चुदवाती है और हम दोनों मस्ती करते रहते हैं।(चचेरी बहन की चुदाई)
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