हेलो दोस्तों मैं शहज़ादी हूं, आज मैं एक नई सेक्स स्टोरी लेकर आ गई हूं जिसका नाम है “पढ़ाई के साथ चली चुदाई की क्लास–virgin chut ki kari chudai” यह कहानी अमित की है आगे की कहानी वह आपको खुद बताएँगे मुझे यकीन है कि आप सभी को यह पसंद आएगी।
नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम अमित है। मैं राजस्थान के एक छोटे से शहर से हूँ। मेरी उम्र 24 साल है, लंबाई 5 फीट 10 इंच है और मेरा लिंग 7 इंच लंबा और 2 इंच मोटा है।
यह कहानी मेरी और मेरी कॉलेज की सहपाठी निधि की है, जो एक ऐसी लड़की थी जिसकी खूबसूरती और अदाएं किसी को भी दीवाना बना सकती हैं। उसका फिगर 32-28-34 था और उसकी चाल में एक अजीब सा नशा था।
यह कहानी बिल्कुल नई और ताज़ा है, जो मेरे जीवन की सबसे रोमांचक घटनाओं में से एक है। तो चलिए शुरू करते हैं।
निधि और मैं पिछले दो सालों से एक ही कॉलेज में पढ़ते हैं। हमारी दोस्ती तब शुरू हुई जब एक बार उसने कॉलेज लैब में एक प्रोजेक्ट के दौरान मुझसे मदद मांगी। उसकी आवाज़ में मिठास थी और उसकी आँखों में कुछ ऐसा था जो मुझे बार-बार उसकी ओर खींचता था।
धीरे-धीरे हमारी दोस्ती गहरी होती गई। हम साथ में नोट्स शेयर करते, लाइब्रेरी में पढ़ते और कभी-कभी कॉलेज के बाद चाय की दुकान पर बैठकर बातें करते। लेकिन मेरे दिल में उसके लिए कुछ और था, जो मैं कभी कह नहीं पाया।(virgin chut ki kari chudai)
निधि में एक खास बात थी- वह बहुत बोल्ड थी। वह अपने कपड़ों और स्टाइल से सबको आकर्षित करना जानती थी। कभी टाइट जींस और क्रॉप टॉप में, तो कभी सलवार सूट में, वह अप्सरा जैसी दिखती थी। उसकी हंसी और उसकी हरकतें मुझे बेकाबू कर देती थीं, लेकिन मैं अपनी भावनाओं को छिपाता रहा।
हमारे सेमेस्टर की परीक्षाएँ नज़दीक थीं। मैं पढ़ाई में अच्छा कर रहा था, लेकिन निधि को कुछ विषयों में दिक्कत आ रही थी। एक दिन उसने मुझे फ़ोन किया और कहा, “अमित , क्या तुम मेरी मदद कर सकते हो?
मेरे घर आओ, हम साथ में पढ़ाई करेंगे। मम्मी-पापा भी बाहर गए हैं, और मैं अकेले कुछ समझ नहीं पा रही हूँ।” उसकी बात सुनकर मेरा दिल तेज़ी से धड़कने लगा। मैंने तुरंत हाँ कर दी और अगले दिन उसके घर के लिए निकल पड़ा।
शनिवार की सुबह थी। मैंने अपने नोट्स पैक किए और उसके घर पहुँच गया। जैसे ही दरवाज़ा खुला, निधि सामने खड़ी थी। उसने काले रंग का टाइट टॉप और ग्रे रंग की लेगिंग पहन रखी थी। उस ड्रेस में उसके कर्व्स साफ़ दिख रहे थे, और उसकी गोरी त्वचा चमक रही थी।
मैं उसे देखता ही रह गया। वह हँसते हुए बोली, “क्या देख रहे हो? अन्दर आओ!” मैंने जल्दी से अपने जूते उतारे और अन्दर चला गया।
हम उसके कमरे में बैठे। उसका कमरा साफ था, बिस्तर पर नीली चादर बिछी थी और दीवार पर कुछ पोस्टर लगे थे। हमने किताबें खोली और पढ़ना शुरू किया।
मैं उसे गणित के कुछ टॉपिक समझा रहा था, लेकिन मेरा ध्यान बार-बार उसकी तरफ जा रहा था। वो मेरे करीब बैठी थी और उसकी खुशबू मुझे मदहोश कर रही थी। एक बार उसने मेरे हाथ से पेन छीन लिया और हंसते हुए बोली, “तुम बहुत गंभीर हो यार, थोड़ा आराम करो!” उसकी यह हरकत मेरे लिए नई थी और मेरे शरीर में एक अजीब सी गर्मी दौड़ गई।
पढ़ाई करते-करते दो घंटे बीत गए। फिर उसने कहा, “चलो थोड़ा आराम करते हैं। मैं कॉफी बनाकर लाती हूँ।” वो किचन में चली गई और मैं उसके पीछे जाने का बहाना ढूँढने लगा।
जब वो कॉफी लेकर आई तो मैंने मज़ाक में कहा, “तुम जो कॉफी बनाती हो उसमें कोई जादू है क्या? बहुत अच्छी खुशबू आती है।” वो शर्माते हुए बोली, “जादू तो मुझमें है, कॉफी में क्या है!” ये सुनकर मेरा लंड पैंट में हरकत करने लगा।(virgin chut ki kari chudai)
कॉफी पीते-पीते निधि मेरे करीब आ गई। उसने अचानक अपना हाथ मेरे हाथ पर रखा और बोली, “अमित , तुम बहुत अच्छे लड़के हो। मुझे तुम्हारे साथ समय बिताना अच्छा लगता है।” उसकी आँखों में चमक थी और उसका स्पर्श मेरे लिए बिजली के झटके जैसा था।
इससे पहले कि मैं कुछ कह पाता, उसने अपना चेहरा मेरे पास लाकर मेरे होंठों को चूम लिया। मैं पूरी तरह चौंक गया, लेकिन उसकी गर्म साँसें और मुलायम होंठ मुझे रोक नहीं पाए। मैंने भी उसे कस कर पकड़ लिया और जवाब में उसे चूमना शुरू कर दिया।
हम दोनों एक-दूसरे में खो गए। मैंने उसके टॉप के ऊपर से उसके चूचे दबाने शुरू कर दिए। वह कराहने लगी। मेरा हाथ धीरे-धीरे उसकी लेगिंग के अंदर चला गया। उसकी चूत गीली हो गई थी और मेरी उंगलियाँ उसकी मुलायम त्वचा को सहला रही थीं।
उसने कहा, “अमित , मुझे और मत सताओ… कुछ करो!” उसकी आवाज़ में हवस साफ झलक रही थी। मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और उसकी लेगिंग उतार दी। उसकी गोरी जांघें और काली पैंटी देखकर मेरा लंड पूरी तरह सख्त हो गया।(virgin chut ki kari chudai)
मैंने अपने कपड़े उतारे और उसे पूरी तरह नंगी कर दिया। उसका शरीर एक मूर्ति की तरह था – गोरा, चिकना और हर कर्व परफेक्ट। मैंने उसके निप्पल चूसे और वो मेरे सिर को अपनी छाती में दबाने लगी।
फिर मैं नीचे सरका और अपनी जीभ उसकी चूत पर फिराई। इसका स्वाद नमकीन और मादक था। वो जोर-जोर से कराह रही थी और मेरा सिर अपनी चूत पर दबा रही थी। कुछ ही मिनटों में वो झड़ गई और मैंने उसका सारा रस चाट लिया।(virgin chut ki kari chudai)
अब उसने मुझे लिटा दिया और मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया। वो उसे ऐसे चूस रही थी जैसे कोई प्यासा पानी पी रहा हो।
उसकी गर्म जीभ मेरे लंड पर जादू कर रही थी। मैंने उसे रोका और कहा, “निधि , मैं अब और बर्दाश्त नहीं कर सकता।” वो हँसी और बोली, “तो चोदो मुझे, कब तक इंतज़ार करवाओगे?” मैंने उसे फिर से लिटाया, उसकी टाँगें फैलाई और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा। वो तड़प रही थी और बोली, “इसे अंदर डाल दो, प्लीज!”
मैंने धीरे से धक्का मारा. उसकी बहुत tight chut थी और मेरा लंड अभी आधा ही अंदर गया था कि वो चीख पड़ी. उसकी आँखों में आँसू आ गए, पर मैं रुक नहीं पाया. मैंने उसे चूमा और फिर से धक्का मारा और इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया.(virgin chut ki kari chudai)
बिस्तर पर खून की कुछ बूँदें दिख रही थीं, जो उसकी सील टूटने का संकेत था. थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम हो गया और वो मेरी लय से ताल मिलाने लगी. मैंने उसे ज़ोर-ज़ोर से चोदना शुरू कर दिया. कमरे में फच-फच की आवाज़ और उसकी कराहें गूंज रही थीं.
करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद वो झड़ गई. उसकी चूत का रस मेरे लंड को और ज़्यादा फिसलन भरा बना रहा था. मैं भी अब झड़ने वाला था. मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसके मुँह में डाल दिया.
उसने उसे चूसा और मेरा सारा माल पी गई. फिर वो मेरे ऊपर लेट गई और हम दोनों एक दूसरे को चूमते रहे. उसकी साँसें तेज़ चल रही थीं और मेरा दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा था.
थोड़ी देर बाद हम उठे, कपड़े पहने और पढ़ाई का नाटक करने लगे. लेकिन हम दोनों जानते थे कि हमारा रिश्ता अब दोस्ती से कहीं आगे निकल चुका है। उस दिन के बाद हमारी मुलाक़ातें और भी गहरी होती गईं, और हर मुलाक़ात में कुछ नया रोमांच जुड़ता गया।(virgin chut ki kari chudai)
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