हेलो दोस्तों मैं शहज़ादी हूं, आज मैं एक नई सेक्स स्टोरी लेकर आ गई हूं जिसका नाम है “हवस से भरी बुआ की मदमस्त चुदाई–bua fucking story” यह कहानी बुआ की है आगे की कहानी आपको करन बताएँगे मुझे यकीन है कि आप सभी को यह पसंद आएगी।
हेलो दोस्तों, मेरा नाम करण है और मैं राजस्थान से हूँ, लेकिन मैं फिलहाल बैंगलोर में एक प्राइवेट कंपनी में काम करता हूँ। मेरी उम्र 32 साल है, हाइट 6.4 है। दोस्तों, ये कहानी जो मैं आज आप सभी को बताने जा रहा हूँ बिलकुल सच्ची है और ये उस समय की है जब मैं 12वीं में पढ़ता था। उस समय मेरी उम्र करीब 19 साल रही होगी।
दोस्तों हमारा घर और मेरी बुआ का घर एक ही कॉलोनी में था। उस समय बुआ की उम्र करीब 26 साल होगी और बुआ का एक छोटा भाई था और माँ, पिताजी उनके साथ रहते थे और मेरा बुआ के घर बहुत आना-जाना था और मैं हर दिन स्कूल से आने के बाद सीधा बुआ के घर चला जाता था और फिर वहीं खाना खाता था।
दोस्तों उस समय बुआ के घर में खाना बनाने के लिए मिट्टी का चूल्हा हुआ करता था और उस चूल्हे में आग जलाने के लिए उन्हें बहुत मेहनत करनी पड़ती थी और बुआ का यही रोज का काम था। आग जलाने के लिए वो बहुत परेशान रहती थी।
दोस्तों, बुआ रोज सूखी लकड़ियाँ लाती थी, फिर वो बैठ कर उसके छोटे-छोटे टुकड़े करती और फिर चूल्हे में डाल कर आग जलाने की कोशिश करती थी. मैं इन सब कामों में अपनी बुआ की मदद करने जाता था. दोस्तों, पूछो क्यों? ऐसा इसलिए क्योंकि आग जलाते समय बुआ अपने शरीर से दुपट्टा उतार कर फेंक देती थी और चूल्हे में आग जलाने के लिए झुक कर काफ़ी देर तक चूल्हे में हवा भरनी पड़ती थी
और जो नज़ारा मैं वहाँ देखता था वो आप अच्छे से समझ सकते हैं. जैसे ही बुआ झुकती थी तो बुआ के big boobs उनके कपड़े फाड़ कर बाहर आने को तैयार हो जाते थे और मेरा मन करता था कि बुआ के पास जाऊँ और उनके दोनों चूचो को दबा कर मुँह में डाल कर नींबू की तरह चूस लूँ, पर मेरी ऐसी किस्मत कहाँ?
मैं बस बुआ के बाथरूम में चला जाता था और मन में जन्नत का वो नज़ारा लेकर मुठ मारता था. फिर एक दिन ऐसा ही हुआ. उस समय बुआ के बच्चों के एग्जाम थे और मैं उनके घर पर एक बार फिर से वही आग देखने पहुंचा और तब मुझे पता चला कि बुआ अगले बीस दिनों तक खाना नहीं बनाएंगी। यह सुनकर मैं बहुत दुखी हुआ और तुरंत ही रास्ता ढूंढकर बाहर जाने लगा।
तभी मुझे पीछे से एक मीठी सी आवाज़ सुनाई दी, क्यों आज तुम मुझे देखना नहीं चाहते हो? दोस्तों यह बात सुनकर मुझे ऐसा लगा जैसे मुझे करंट लग गया हो. जब मैंने पीछे मुड़कर देखा तो बुआ मुझे देखकर ज़ोर से हंस रही थी और उन्होंने अपनी बड़ी बड़ी आँखों से मुझे अपनी तरफ बुलाया.
में भी तुरंत मधुमक्खी की तरह उनकी तरफ बढ़ने लगा और मन ही मन सोचने लगा कि आज तो शायद मेरी किस्मत खुल गई, लेकिन जैसे ही में बुआ के पास गया तो उन्होंने मेरे साथ ऐसा व्यहवार किया जैसे उन्होंने मुझसे कुछ कहा ही नहीं और कुछ देर खड़े रहने के बाद उन्होंने मुझे गले से लगा लिया और मुझे अपने चूचो से चिपका लिया.
दोस्तों अब मेरा चेहरा बुआ के चूचो के बीच में कसकर दबा हुआ था और में उससे खुश था और मुझे स्वर्ग का मज़ा आ रहा था.
मैंने अपना चेहरा बुआ के चूचो में पूरी तरह से गड़ा दिया था और बुआ को उनकी कमर से कसकर पकड़ा हुआ था। बुआ बस मेरे बालों को सहला रही थी और धीरे धीरे मेरा चेहरा अपने चूचो पर दबा रही थी, लेकिन जैसे उन्हें पता ही नहीं था कि क्या हो रहा है? मुझे अपने चेहरे पर बुआ की ब्रा महसूस हो रही थी और बुआ के निप्पल कभी मेरी आँखों में तो कभी मेरे गालों में चुभ रहे थे और में फिर से जन्नत में था।
मेरा तो बस मन कर रहा था कि बुआ को अपनी गोद में उठा लूँ और उनका कुर्ता फाड़ दूँ और सारा दूध अपने मुँह में डालकर खा जाऊँ, लेकिन ऐसा नहीं था क्योंकि यह सब काम करीब 10-15 मिनट तक चलता रहा और थोड़ी देर बाद जब बुआ के भाई की आवाज़ आई तो में अपने घर में चला गया और फिर से वहाँ पर अपने हाथों से मुठ मारने लगा।
अगले दिन में फिर से बुआ के घर पर पहुंच गया. मैंने बहुत देर तक दरवाजा खटखटाया, लेकिन किसी ने दरवाजा नहीं खोला तो में उदास हो गया और जाने लगा, लेकिन तभी बुआ की आवाज़ आई कौन है?
तो मैंने तुरंत खुश होकर जवाब दिया और फिर बुआ ने दरवाजा खोल दिया. दोस्तों उस समय बुआ सिर्फ़ अपने चूचो पर टावल लपेटे हुए बाथरूम से बाहर आई थी. शायद वो नहाने जा रही थी, लेकिन वो मेरी वजह से बीच में ही बाहर आ गई और अब उनका गोरा बदन मुझे अपनी तरफ आकर्षित कर रहा था.
तो में अंदर आ गया और दरवाजा अंदर से बंद कर लिया. बुआ नहाने के लिए बाथरूम में चली गई और में टीवी देखने लगा और थोड़ी देर बाद में सोचने लगा कि अगर मुझे बाथरूम में झांकने का मौका मिले तो में बहुत मज़ा करूँगा.
मैंने उठकर कोशिश की और मुझे अंदर झांकने के लिए दरवाजे में बहुत सारे छेद मिले। अब में वहीं पर खड़ा होकर बुआ के गोरे बदन को देखने लगा। वाह क्या चीज़ थी, मज़ा आ गया, मोटे चूचे, चाटने लायक त्वचा, मखमली बदन, कसी हुई गांड और बड़े बड़े जघन बाल और उसके ऊपर से पानी मेरे लंड में आग लगा रहा था।
अब में वहीं बाथरूम के बाहर अपनी बुआ को नहाते हुए देखकर मुठ मारने लगा और पाँच मिनट खड़े रहने के बाद मेरे पैरों में दर्द होने लगा तो में थोड़ा आराम करने के लिए दरवाजे का सहारा लेकर बैठ गया और ज़ोर ज़ोर से मुठ मारने लगा और करीब दस सेकण्ड के बाद बाथरूम का दरवाजा अंदर की तरफ खुल गया और में अपनी नंगी बुआ के सामने अपना लंड पकड़कर नीचे बैठा हुआ था और अब में शर्म के कारण अपनी बुआ की आँखों में देख भी नहीं पा रहा था।
मैंने तुरंत वहाँ से भागने की कोशिश की, लेकिन बुआ ने तुरंत मेरा हाथ पकड़ लिया. मुझे लगा कि आज तो मेरा काम तमाम हो गया, लेकिन उसके बाद मैंने उनके मुँह से जो सुना, उस पर मुझे यकीन ही नहीं हुआ.
उन्होंने मुझसे पूछा कि क्यों चोदोगे मुझे?
बिना सोचे और बिना कुछ कहे मैंने बुआ के दोनों चूचो को पकड़ लिया और बाथरूम के अंदर ही बुआ के चूचो का रस चूसने लगा और एक हाथ से चूचे को ज़ोर से दबा रहा था और दूसरे हाथ से दूसरे चूचो को ज़ोर से पकड़कर चूस रहा था. बुआ भी मेरा पूरा साथ दे रही थी और मोन कर रही थी उम्मम्म आह्ह्ह्ह इईईईई और मुझे ज़ोर से अपनी तरफ खींच रही थी.
में तो पागल हो चुका था और कुत्ते की तरह चूचे चूस रहा था. फिर अचानक से मैंने अपनी एक उंगली बुआ की चूत में डाल दी और फिर बुआ के मुँह से ज़ोर की चीख निकल गई. अब वो अचानक से बहुत उत्तेजित हो गई और मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब जल्दी से मुझे चोद दो, मुझे और इंतज़ार मत करवाओ.
दोस्तों अब मुझसे भी कंट्रोल नहीं हो रहा था और मैंने तुरंत बुआ को ज़मीन पर लेटा दिया और उनके पैर फैला दिए. अब मैं उनके चूचे चूसते हुए नीचे आया और उनके चूचो के निचले हिस्से को चूसने लगा. बुआ लगातार आहें भर रही थी और उनकी साँसें बहुत तेज़ हो गई थी.
मैं फिर से उनके पेट की तरफ आया और उनके पूरे पेट पर अपनी जीभ फिराने लगा.
फिर मैंने अपनी जीभ उनकी नाभि के आस-पास घुमाई और मैंने महसूस किया कि बुआ की साँसे तेज़ हो गई थी और फिर मैंने उनके पेट के कोने को चूसना शुरू किया और अब बुआ बहुत गरम हो चुकी थी.
मैंने उनके जघन के बाल पकड़े और कसकर मुट्ठी में पकड़े और खींचने लगा, बुआ चिल्लाने लगी, छोड़ दो मुझे प्लीज छोड़ दो मुझे. फिर मैंने तुरंत अपनी जीभ बुआ की चूत में डाल दी और अब में कुत्ते की तरह उनकी चूत चाटने लगा. वाह मुझे कितना मज़ा आ रहा था. में बता नहीं सकता और फिर मैंने पूरी चूत को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा.
बुआ तड़प रही थी, उसने अपने दोनों पैर मेरी गर्दन के इर्द-गिर्द डाल दिए और अपनी चूत की तरफ ज़ोर से दबाने लगी और लगातार अपनी कमर उठा कर मुझे चोदने के संकेत दे रही थी। ज़ोर से और ज़ोर से चूसो आह्ह्ह्ह उह्ह्ह माँ प्लीज़ आआआआआस्स्स्स्सी।
दोस्तों अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था और मैंने भी अपनी पेंट पूरी तरह से उतार दी और में अंडरवियर में था। बुआ ने तुरंत मेरी अंडरवियर उतार दी और मेरे mota land को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी।
दोस्तों मैंने बस अपनी आँखें बंद कर ली और धीरे धीरे धक्के देकर बुआ के मुँह को चोदने लगा। 5 मिनट तक लगातार चोदने के बाद में झड़ गया और बुआ मेरा सारा माल पी गई।
तब भी बुआ ने मेरा लंड चूसना बंद नहीं किया और 2 मिनट के बाद लंड फिर से चुदाई के लिए तैयार हो गया। हम दोनों बेडरूम में आ गए और मैंने बुआ को बेड पर लेटा दिया और उनके दोनों पैरों को फैला दिया और लंड को उनकी चूत में डालने की कोशिश करने लगा।
थोड़ी देर के बाद लंड अंदर चला गया तो मैंने एक ज़ोर का झटका दिया और मेरा पूरा लंड बुआ की चूत के अंदर था। बुआ ने अपनी दोनों आँखे बंद कर ली और बोली, इईईईई माँ आआआआआआह थोड़ा धीरे से करो, ज्यादा बेरहम मत बनो, थोड़ा धीरे से करो, में कहीं भागी नहीं जा रही हूँ।
फिर कुछ देर तक धीरे धीरे धक्के लगाने के बाद मैंने अपनी स्पीड बड़ा दी और अब ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चुदाई करने लगा।
पूरे कमरे में फच फच फच की आवाज़ गूंज रही थी और बुआ भी अपनी कमर उठा उठाकर चुदाई का मज़ा ले रही थी और लगातार मोन कर रही थी आह्ह माँ आह्ह प्लीज मुझे और ज़ोर से चोदो, हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे, फाड़ दो मेरी चूत को आज, फाड़ दो इसे आह्ह माँ… करीब 5 से 10 मिनट तक ये ताबड़तोड़ चुदाई चलती रही और फिर बुआ चरम पर पहुँच गई और मैंने भी अपना सारा माल बुआ की चूत में डाल दिया।
बुआ इस चुदाई से प्रेगनेंट ना हो जाए इसीलिए मैनें उन्हें अगले दिन आई पिल खिला दी
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