mosa mosi ki chudai

हेलो दोस्तों मैं शहज़ादी हूं, आज मैं एक नई सेक्स स्टोरी लेकर आ गई हूं जिसका नाम है “मौसा मौसी की चुदम चुदाई का लाइव शो देखा-mosa mosi ki chudai“ यह कहानी आरती की है आगे की कहानी आपको आरती बताएंगी मुझे यकीन है कि आप सभी को यह पसंद आएगी|

नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम आरती है|(mosa mosi ki chudai)

आज मेरी बहुत इच्छा हुई कि क्यों न मैं भी अपनी कामुक यात्रा की मादक कहानी आपके साथ शेयर करूँ, जो मेरे दिल की गहराइयों से निकल कर आपके सामने आती है।

सबसे पहले मैं आपको अपने बारे में थोड़ा बता दूँ।

मैं अजमेर के एक छोटे से गाँव से हूँ।

मेरा नाम करिश्मा है और मेरी उम्र 28 साल है।

अब मैं एक शादीशुदा औरत हूँ, जिसका बदन आग से भरा हुआ है और आँखें नशे से भरी हुई हैं।

लेकिन यह कहानी उस समय की है जब मैं कॉलेज में पढ़ने के लिए शहर में अपनी मौसी के घर गई थी।

मेरा फिगर अभी 34-28-36 है, रंग बहुत गोरा और घने काले बाल जो किसी की भी साँस रोक दें।(mosa mosi ki chudai)

मेरी हर अदा, हर मोड़ मर्दों के दिलों में हलचल मचाने के लिए काफी है।

यह सेक्स स्टोरी बिलकुल सच्ची है और मेरी सेक्स लाइफ की शुरुआत का पहला कामुक पन्ना है जो आज भी मेरी रीढ़ की हड्डी में सिहरन पैदा कर देता है।

यह उस समय की बात है जब मैंने 12वीं पास कर ली थी।

अपने सपनों को पंख देने के लिए मुझे गाँव से शहर जाना पड़ा।

शहर का नाम सुनते ही पापा के चेहरे पर चिंता की लकीरें उभर आईं।

आज के समय को देखते हुए वे मुझे अकेले भेजने को तैयार नहीं थे।

लेकिन मम्मी ने प्यार से उनकी झिझक दूर कर दी।

उन्होंने मेरी मौसी का हवाला देते हुए पापा से कहा कि मेरी छोटी बहन भी इसी शहर में रहती है। अगर आप करिश्मा को उसके घर छोड़ दें तो सब ठीक रहेगा।(mosa mosi ki chudai)

भाभी की बात सुनते ही पापा इस बात पर सहमत हो गए और शाम को मौसा जी से बात करने की बात कहकर खेत पर चले गए।

जब शाम को पापा वापस आए तो हम सबने साथ में खाना खाया और टीवी देखने बैठ गए।

फिर मैंने मम्मी से कहा कि पापा से मौसा जी से बात करवा दो।

मम्मी ने पापा का मोबाइल लिया और मौसी को फोन किया।(mosa mosi ki chudai)

बातचीत के दौरान जब मौसी को पता चला कि मैं उनके पास रहने आ रही हूँ तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

मौसी के खुशी जाहिर करने के बाद पापा के मन में जो भी शंकाएँ बची थीं वो भी खत्म हो गई और वो अब संतुष्ट लग रहे थे।

उन्होंने मुझसे कहा- बेटा अपने कपड़े, किताबें आदि पैक कर लो।

कुछ दिनों बाद मुझे शहर जाना था।

मैंने अपने लिए कपड़े तैयार किए।

गाँव में लड़कियाँ ज़्यादातर सलवार सूट पहनती हैं, इसलिए मैंने भी कुछ टाइट और आकर्षक सलवार सूट सिलवाए जो मेरे शरीर के हर नाजुक हिस्से को उभार रहे थे।

जिस दिन मुझे जाना था, पापा मुझे सुबह की बस से ले गए क्योंकि उन्हें शाम तक लौटना था।

हम सुबह 11 बजे शहर पहुँच गए।(mosa mosi ki chudai)

बस से उतरते ही मौसा जी अपनी कार में हमें लेने आए।

उनकी नज़र मुझ पर रुक गई और फिर हम कार में बैठकर उनके घर पहुँच गए।

वहाँ मौसी दरवाजे पर हमारा इंतज़ार कर रही थीं, उनकी मुस्कान में एक अजीब सी आकर्षक शैली थी।

मौसी के परिवार में मौसा जी , मौसी और उनके दो बच्चे हैं।

बेटी का नाम आकांशा और बेटे का नाम अमित है।

मौसी का नाम नीतू है, वो मम्मी से 5 साल छोटी है।(mosa mosi ki chudai)

उनका फिगर 36-30-38 है और उनका गोरा रंग ऐसा है कि किसी भी मर्द के बदन में आग लगा दे।

उनके काले बाल और भरी हुई छाती हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है।

मौसा जी का नाम अरविन्द है।

वो भी कुछ कम नहीं है, बहुत हैंडसम, लंबे-चौड़े और अक्सर मार्केटिंग के काम से बाहर रहते हैं।

उनकी आँखों में चमक थी, जो कुछ कह रही थी।

मौसा जी ने हमारा सामान अंदर रख दिया और हम सब बातें करने में व्यस्त हो गए।(mosa mosi ki chudai)

बातें करते-करते हमने खाना खाया और पता ही नहीं चला कि कब 3 बज गए।

फिर मौसा जी पापा को बस स्टैंड छोड़ने चले गए और मैं चाची और उनके बच्चों से बातें करती रही।

मौसी ने मुझे अपना सामान आकांशा और अमित के कमरे में रखने को कहा।

हम तीनों भाई-बहनों ने मिलकर मेरा सामान रखा।

उस कमरे में डबल बेड था और हम तीनों को उस पर सोना था।

रात को खाना खाने के बाद हम बातें करने लगे।

मौसा जी ने कहा कि वो कल मुझे कॉलेज में एडमिशन दिलवा देंगे।(mosa mosi ki chudai)

फिर हम तीनों अपने कमरे में सोने चले गए।

कमरा ऊपर की मंजिल पर था, हवा में एक अजीब सी गर्मी थी।

मैं बिस्तर के एक कोने पर लेट गई, बीच में आकांशा और दूसरी तरफ अमित।(mosa mosi ki chudai)

पहली रात थी, मुझे देर से नींद आई और मैं थोड़ा बेचैन थी।

मैं सुबह जल्दी उठ गया और नहाने चला गई।

जब गर्म पानी मेरे शरीर पर पड़ा, तो मुझे एक अजीब सी सिहरन महसूस हुई।

नीचे आकर मैंने माल ोई में अपनी चाची की मदद की।

फिर मेरे मौसा जी मुझे कार में कॉलेज ले गए।

उनकी नज़रें बार-बार मुझ पर रुक रही थीं। मैं उनकी नज़रों से असहज महसूस कर रही थी।(mosa mosi ki chudai)

कॉलेज में एडमिशन के बाद हम दोनों साथ-साथ घर लौटे, खाना खाया और मेरे मौसा जी अपने काम पर चले गए।

कुछ दिनों तक सब कुछ सामान्य रहा।

कॉलेज में मेरे दोस्त बने और मैं शहर की ज़िंदगी का लुत्फ़ उठाने लगा।

फिर एक रात कुछ ऐसा हुआ जिसने मेरी दुनिया बदल दी।

उस रात मैं उठी और मुझे फिर से सोने का मन नहीं हुआ।

मैंने सोचा कि माल ोई में जाकर कुछ खा लूँ।

सीढ़ियाँ उतरते समय मैंने देखा कि मेरी मौसी के कमरे की लाइट जल रही थी और दरवाज़ा थोड़ा खुला हुआ था।

मुझे उत्सुकता हुई और मैंने झाँककर देखा।

जो नजारा मेरे सामने था, उसने मेरे होश उड़ा दिए।

मौसी और मौसा दोनों ही नंगे थे, उनके शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था।(mosa mosi ki chudai)

मौसी की गोरी चमकती त्वचा और मौसा का मर्दाना शरीर एक दूसरे से लिपटा हुआ था।

वे दोनों एक दूसरे को बेतहाशा चूम रहे थे, मौसा मौसी के भरे हुए mote chuche को मसल रहे थे और मौसी अपने नाज़ुक हाथों से उनके लंड को सहला रही थी।

मौसा का लंड करीब 7 इंच लंबा, मोटा और सख्त था, ऐसा कि देखते ही शरीर में आग लग जाए।

कुछ देर चूमने के बाद मौसा ने अपना mota land मौसी के मुँह में डाल दिया।

मौसी लंड चूसने लगी, उनकी आँखों में वासना नाच रही थी।

मौसा उनकी चूत में उंगलियाँ डालकर उन्हें और भी गर्म कर रहे थे, और अपने लंड से उनके मुँह को चोद भी रहे थे।

वह दृश्य इतना कामुक था कि मेरे पैर काँपने लगे और मेरे शरीर में एक अजीब सी झुनझुनी सी होने लगी।

कुछ देर तक इसी क्रिया को जारी रखने के बाद मौसा ने मौसी को पीठ के बल लिटा दिया और उनकी माल ीली टाँगों को अपने मजबूत कंधों पर रख लिया।(mosa mosi ki chudai)

फिर उन्होंने अपना खड़ा और लोहे की छड़ जैसा लंड मौसी की wet pussy पर धीरे-धीरे रगड़ना शुरू किया जिससे मौसी कराहने लगीं।

फिर अचानक एक जोरदार झटके के साथ मौसा ने अपना लंड मौसी की चूत में गहराई तक घुसा दिया।

मौसी के गले से एक मीठी कराह निकली- आह मादरचोद…धीरे से चोद मुझे!

मौसा – साली रंडी, लंड लेते हुए रोज नाटक करती है!

दोनों ने गालियाँ बकते हुए अपनी चुदाई को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया।

जैसे-जैसे मौसा के धक्कों की गति बढ़ती गई, मौसी के मुँह से ‘आआ ह्ह्ह…आआ ह्ह्ह’ की मोहक आवाज़ें कमरे में गूंजने लगीं।

मौसी के माल ीले गोल-गोल big boobs मौसा के हर धक्के के साथ ताल से ताल मिलाते हुए उछल रहे थे, मानो उनके सामने पोर्न फिल्म का कोई कामुक दृश्य लाइव चल रहा हो।(mosa mosi ki chudai)

दोनों का यह कामुक खेल काफी देर तक चलता रहा।

ऐसा लग रहा था मानो दोनों एक दूसरे से हारना नहीं चाहते थे।

पूरा कमरा ‘ऊऊ…आह’ की कराहटों से गूंज उठा।

दोनों की कामुक आवाजें मेरे दिल की धड़कनें बढ़ा रही थीं।

मेरी चूत इतनी गीली हो गई थी कि मेरे शरीर में एक अजीब सी गर्मी दौड़ रही थी।

फिर कुछ देर बाद मौसा ने अपना लंड बाहर निकाला और मौसी के माल ीले होंठों के बीच में ले जाकर उनके मुँह में डाल दिया।(mosa mosi ki chudai)

मौसी ने लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया और जोर-जोर से मुँह में blowjob देने लगी।

मौसी की हरकत से मौसा ‘आआह’ करते हुए आनंद में डूब गए।

आखिर में उन्होंने अपने लंड से मौसी के मुँह में एक गर्म धार छोड़ी।

जिसे मौसी ने बड़े मजे से स्वीकार किया।

वह मौसा के लंड से निकलने वाले माल की एक-एक बूँद को चूसती और निगलती रहीं।

उनके चेहरे के भाव साफ बता रहे थे कि मौसी को लंड से निकलने वाली मलाई खाना कितना पसंद था।

यह सब नाटक खत्म होने के बाद दोनों बिस्तर पर नंगे पड़े रहे, उनके शरीर पसीने से भीगे हुए थे और उनकी साँसें तेज़ चल रही थीं।

मैं चुपचाप अपने कमरे में लौट आई।

लेकिन मेरा मन और शरीर दोनों ही बेकाबू हो चुके थे।

नींद मेरी आँखों से कोसों दूर थी।

मैंने अपनी दो उंगलियों से अपनी tight pussy को सहलाना शुरू कर दिया।

मेरी चूत के चारों ओर मुलायम रेशमी जघन बालों का जंगल है।

आज मुझे अपनी चूत पर जघन बालों की मौजूदगी का बुरा लग रहा था और मैंने तय कर लिया था कि कल मैं चूत की दिवाली मनाऊँगी; जघन बाल साफ़ करूँगी।

थोड़ी देर बाद मेरी एक उंगली चूत में घुस गई और उसी पल मुझे नीतू मौसी की गाली याद आ गई।

‘आह मादरचोद, मुझे धीरे से चोद!’

वो गाली इतनी उत्तेजक लगी कि उसी पल उंगली चूत में और अंदर चली गई।

एक मीठी आह निकली और मुझे मौसा की गाली याद आ गई।(mosa mosi ki chudai)

‘तू कुतिया, तू तो रोज लंड लेते हुए नाटक करती है!’

उसी समय मेरी चूत ने माल छोड़ दिया क्योंकि चूत में बहुत दिनों से माल भरा हुआ था।

मौसा जी की गाली ‘साली रंडी…’ ने उसे बाहर निकाल दिया था, जिसने सही काम किया था।

मेरी चूत से माल निकल जाने के बाद मैं शांत हो गई।

फिर बहुत देर तक करवटें बदलने के बाद आखिरकार मुझे नींद आ गई।

जब मैं सुबह उठी तो सब कुछ सामान्य लग रहा था।

लेकिन मेरा मन उस रात के मादक दृश्य में उलझा हुआ था।

मैंने तय किया कि अब मैं हर रात उनकी चुदाई का लाइव दृश्य देखूंगी।

इसके लिए मैं पढ़ाई के बहाने अमित और आकांशा के सोने तक जागती रहती थी।

उनके सो जाने के बाद मैं धीरे-धीरे दबे पांव नीचे चली जाती।

अगर कमरे में लाइट जलती तो मैं समझ जाती कि उनका कामुक खेल शुरू हो गया है।

अब यह मेरा रोज़ का शौक बन गया था।

मैं चुपके से उनकी चुदाई देखती, अपने शरीर में बढ़ती गर्मी को महसूस करती और फिर कमरे में वापस आकर सो जाती।(mosa mosi ki chudai)

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