दोस्तों आज मैं आपको जो हिंदी गे कहानी बता रहा हूं, ये मेरी जिंदगी का वो किस्सा है जिसका शौक तो मुझे बहुत समय से था मगर पूरा करने की हिम्मत नहीं थी पर आज ये पूरा हो गया। इस कहानी में भैया ने मेरी गांड फाड़ी और मेरा सपना पूरा किया।
ये कहानी मेरी और मेरे बड़े भाई की है। हम दोनों की आपस में बचपन से ही बहुत बनती थी। हम हर बात शेयर करते हैं कभी कुछ नहीं छुपाते, मेरी फैमिली मैं सिर्फ मेरे भाई को ही पता था के मैं गे हूं।
कुछ दिन पहले की बात है मेरे भाई का एक्सीडेंट हो गया था और हम उसके बाजू टूटे गए थे उसकी वजह से डॉक्टर ने प्लास्टर चढ़ा दिया था उसके हाथ पर।
जब वो डॉक्टर के पास से आया तो उस दिन कपडे पूरी तरह से गंदे हो चुके थे। पापा ने मुझे कहा के भाई को ऊपर कमरे में ले जाओ और उसकी मदद करो, कपड़े बदलने का फैसला किया है।
मैं भाई को ले गया ऊपर कमरे में और दरवाज़ा बंद कर दिया। अब बस मैं और भाई हे, वो बिस्तर पर बैठ गया और मुझे बताने लगा के कौन से कपडे पहने गा वो नहाने के बाद।
भैया ने मेरी गांड फाड़ी – बेस्ट हिंदी गे चुदाई की कहानी
मैंने उसकी शर्ट पैंट और अंडरवीयर निकाल के बिस्तर पर रखे और भाई को बोला जाओ नहा आओ मैं कपड़े प्रेस कर देता हूं तब तक। भाई उठा तो बाजू हिलाने से उसकी चीख निकल जाएगी।
तभी मैं भागा और बोला रहने दो मैं मदद कर देता हूं। उसने भी हां मैं सर हिला दिया। अब मैंने अपने भाई की टी-शर्ट पर कैंची चलाना शुरू कर दिया है क्योंकि उसे उतारने से दर्द हो रही थी उसको।
टी-शर्ट साइड पर फैंकने के बाद मैंने भाई की पैंट का बटन खोला, फिर जिप खोली और पैंट नीचे खींच दी। भैया ने ब्रीफ्स पहने हुए थे, जब मैं उनके ब्रीफ्स को उतारने की नियत से हाथ बढ़ाया। (भैया ने मेरी गांड फाड़ी)
वो बोले “इसको रहने दो ऐसे ही रहना दो”।
मैंने भी हां मैं जवाब दिया और उनको बाथरूम में ले गया, और उनके ऊपर पानी फेंक कर उन्हें पहले पूरा गीला किया और फिर धीरे-धीरे उनके जिस्म पर साबुन लगाने लगा।
वो सीधे खड़े थे और मैं उनके पूरे जिस्म पर सबुन लगा रहा था। मैंने भाई को फिर कहा भाई अंडरवेयर उतार दो इतना हिस्सा भी साफ कर दूं आप का।
फ़िर वो बोले शर्म अति है तेरे सामने सारा नंगा होने, ऊपर से हे सबुन फिर दे। अब मैंने सबुन पकड़ा और उनके अंडरवियर पर लगाने लगा, कभी भैया की गांड और कभी उनके लंड पर।
साबुन लगाने के बाद जब मैंने हाथ लगा कर साफ करना चाहा तो मेरे भैया का लंड खड़ा होने लगा। उन्होंने आंखे बंद कर ली थी क्योंकि उन्हें ये सब अजीब लग रहा था।
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मैंने माहौल को सामान्य बनाने के लिए बातें शुरू कर दी और फिर मैं उनको नहला के बाहर ले गया। अब मैंने पहले उनको शर्ट पहनाई और फिर पैंट की तरफ बढ़ा।
तब मैंने भैया को हंस कर कहा “भैया अब तो अंडरवियर उतारना है, क्योंकि वह गीला हो गया है, छोड़ दो सारी शर्म”, अब इस से पहले के वो कोई जवाब देते मैंने उनका अंडरवियर खींच लिया।
भैया मेरे सामने नंगे खड़े थे और इतना लंबा मोटा लंड देख के मैं पागल हुआ जा रहा था।
पर फिर मैंने भैया को पैंट पहनी उनके लंड पर हाथ रख कर ज़िप बंद की और बटन लगा के कपडे समेटने लगा।
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भैया बोले “यार बड़ा अजीब लग रहा है तेरे से सब काम करवाते हुए, 1 महीने बाद डॉक्टर ने प्लास्टर हटाएगा तब तक तू मेरे सारे काम करेगा मुझे अच्छा नहीं लग रहा”। (भैया ने मेरी गांड फाड़ी)
मैं बोला “कोई बात नहीं एक बार आप ठीक हो जाओ मैं आप से कुछ करवा लूंगा हिसाब बराबर हो जाऊंगा”।
भैया खुश हो गए और बोले “तेरा हुकुम सर आंखों पर, जो तू बोलेगा कर दूंगा”।
ऐसे ही वह एक महीना गुजर गया।
रात मैं हम दोनो साथ मूवी देख रहे थे तो भाई ने लैपटॉप साइड पर रखा और बोला “बहुत बहुत धन्यवाद तूने मेरी इतने दिन इतने हेल्प की, तू ना होता तो मेरा क्या होता”।
तब भी मैंने उनका हाथ पकड़ा और बोला “आपको कहा तो था मैं आप से कुछ मांग कर सब बराबर कर लूंगा”।
वो ख़ुशी से बोले “बोल भाई तुझे जो चाहिए मैं देने को तैयार हूँ”।
मैं डर गया के भैया से कैसे बोलूं मुझे उनके साथ सेक्स करना है। मैं घबराहट से आंखें इधर उधर करने लगा, होठ चबाने लगा। भैया समझ गए कि कुछ तो है जो मैं परेशान हो रहा हूं।
उन्हें मेरे कंधों को पकड़ लिया और मेरी आँखों में आँखें डाल के पूछने लगे “बता क्या बात है? ऐसा क्या है जो बताते हुए तू इतना घबरा रहा है?”
मैने बोला “भैया मुझे आप के साथ सेक्स करना है, आप मुझे बहुत अच्छे लगते हो और फिर जब से आप को नंगा देखा है मेरी ये ख्वाहिश और बढ़ गई है”। (भैया ने मेरी गांड फाड़ी)
भैया ये सुनके कुछ देर के लिए बिल्कुल चुप और हैरान हो गए के मैंने क्या मांग लिया है।
मैं डर गया के मैंने जो बोला है कहीं भैया और मेरे रिश्ते में फ़सला ना आ जाए। अभी मैं ये सोच रहा था कि भैया मेरी तरफ बढ़े और मेरे होठों पे किस करने लगे।
मैंने भी खुद को संभाला और उनके चेहरे को अपने हाथों में ले लिया।
भैया ने मेरी टी-शर्ट में हाथ डालना शुरू किया और मेरे नरमी से हाथ फेरते हुए मेरे निपल्स को जा पकड़ा और हल्का हल्का मसलने लगे।
एक हाथ उनका मेरी कमर को थामे हुए था और दूसरा हाथ मेरे निपल्स दबा रहा था और मैं उनके कान चूस रहा था तो कभी उनकी गर्दन चाट रहा था।
भैया बिस्तर पर सीधे बैठ गए और मुझे सामने से अपनी गोदी में ले लिया और मेरी कमीज उतार के मेरे निपल्स पर किस करने लगे। मैंने अपनी आँखें बंद कर ली थीं, धड़कनें तेज़ थीं और मुझे कुछ खबर नहीं थी।
फिर भैया ने मुझे बिस्तर पर फेंका और मेरे दोनो बाजू खोल कर हाथ ज़ोर से थाम के लिए और मेरे चेहरे को, मेरे होठों को, मेरे जिस्म को छूने लगे।
मेरे पूरे जिस्म पर धीरे-धीरे ज़ुबान फेर रहे थे। वो मेरी कलई से बाजू और बाजू से गर्दन चूमते हुए मेरे होठों की तरफ आए तो मैं उनके होठों को चूमते हुए उउनका साथ देने लगा। (भैया ने मेरी गांड फाड़ी)
मैंने उनको पीछे दीवार के साथ लगाया और उनकी कमीज के बटन खोलने शुरू कर दिये। उनको कमीज़ उतार के मैंने साइड पर फेंकी और पैंट पर से उनका लंड पकड़ लिया।
उनके मुँह से “आअहह” निकली और मैं उन्हें पसंद करने लगा और साथ में उन्हें बिस्तर पर ले आया।
भैया का पैंट मैं फुल टाइट हुआ था, मैंने उनकी पैंट का बटन खोला, फिर ज़िप खोली और उनकी पैंट उतार दी। वो अंडरवायर मैं फुल सेक्सी लग रहे थे।
फिर मैं उठा और साथ टेबल पर से तेल की बोतल ले के आया और उनके टांगो पर बैठ के तेल उनके अंडरवियर पर तेल को धीरे-धीरे टपकाने लगा।
उनका अंडरवियर भीगता जा रहा था और मैं साथ-साथ अपने हाथ से तेल को उनके लंड को सोखने में लगा था।
मैं जब जब उनके लंड पे हाथ रखता हूं वो हल्की “आह” की आवाज के साथ अपनी कमर ऊपर नीची करने लगते जैसे मेरे हाथ को चोदना चाह रहे हो।
जब उनका लंड पूरा तरह से ऑयली हो गया तो मैंने तेल की बोतल बंद करके साइड में रख दी और अपने आप को उनके टांगो से ऊपर खींच कर उनके लंड को ले लिया। (भैया ने मेरी गांड फाड़ी)
मैंने अपनी गांड लंड पर रखी और ऊपर नीचे होने लगा। उनका लंड मेरी गांड के सुरख के साथ, जब जब मसला जाता मेरे अंदर की आग और बढ़ती जाती।
फिर हम दोनों से रहा नहीं गया और हमारे सब्र का बांध टूट गया, और भैया ने अपना अंडरवियर उतारा और घुमा कर ज़मीन पे फेंक दिया.
मेरी कमर को ज़ोर से पकड़ा और दूसरे हाथ से अपना लंड सीधा किया और मुझे इशारा किया के मैं उसे अपनी गांड मैं ले लूं। (भैया ने मेरी गांड फाड़ी)
मुझसे भी अब और इंतज़ार नहीं हो रहा था, मैंने भी उनके सीने पर हाथ रखा और उनके लंड को अपनी गांड में लेने लगा।
जैसा जैसा लंड मेरी गांड में घुसता गया वैसे वैसे मेरी रूह को सुकून मिलता है। उनका लंड इतना मजबूत था कि मैं दर्द से उनके सीने की तरफ हल्का झुक गया।
उन्हें मेरी गांड को दोनों हाथों में थमा और अपना लंड अंदर बाहर करने लगे। मैं दर्द से चीखने लगा पर उन्होंने मेरी एक ना सुनी और बस मेरी गांड मारते रहे।
मेरी गांड पे थप्पड़ मारते जाते और मेरी गांड फाड़ते जाते। मैं भी क्या बोलता दर्द के साथ-साथ जो मजा आ रहा था मैंने पहले कभी महसूस नहीं किया था।
पहले वो मुझे अपने ऊपर बैठा के मेरी गांड मर रहे थे फिर उन्हें अपना लंड मेरी गांड से बाहर निकला और मुझे उल्टा हो कर लेटने को कहा।
मैं लेता तो मुझे बोले के मैं अपनी टांगें खोल दूं। मैंने जब अपनी टांगें खोली तो वो मेरे ऊपर लेट गए और अपना लंड मेरी गांड में पूरी तरह डाल दिया। (भैया ने मेरी गांड फाड़ी)
बस फिर यहीं झटके लगते लगते उनका पानी निकल गया। मुझे तो यूं लगा जैसे मेरी पूरी गांड उनके पानी से भर गई हो।
उनके वो मज़बूत मर्दाना आवाज़ में आह्ह्ह्ह्ह बहुत पानी निकलता है, आज भी याद है मुझे। मैंने जब उनकी तरफ देखा तो उनके जिस्म से पसीना धीरे-धीरे बहता नीचे आ रहा था।
फिर वो उतरे और आ के मेरे साथ मेरी तरफ मुँह करके लेट गए और मुस्कुराए, मैं भी मुस्कुराया पर दोनों इस कदर थक चुके थे कि अल्फ़ाज़ नहीं ज़ुबान से अदा करने के लिए।
फिर एक मीठी सी किस करने के बाद हम दोनों सो जाएंगे। पर आज भी मेरे भैया को कभी जरुरत होती तो मैं हाज़िर रहता हूँ।
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