वर्जिन किराएदार की जोरदार चुदाई

दोस्तो मैं तिलक आज पहली बार अपनी जिंदगी की एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूं। ये घाटना आज से करीब 3 साल पुरानी है। ये मेरी जिंदगी का एक खुबसूरत हिसा है जो मैं आज आप सबको बता रहा हूं, मुझे उम्मीद है मेरी ये हिंदी सेक्स कहानी आप सबको बहुत पसंद आएगी। ये कहानी मेरी और मेरी वर्जिन किराएदार की जोरदार चुदाई की है।

दोस्तों, मैं आप सबका ज्यादा समय ना लेते हुए सीधा अपनी हिंदी चुदाई की कहानी पर आता हूं। तो चलिए शुरू करते हैं।

दोस्तो ये बात तब की है जब मैं अपना डिप्लोमा कर चूका था और मैं इस साल नए कॉलेज में एडमिशन नहीं ले पा रहा था क्योंकि मेरे घर में कुछ समस्या आ गई थी। मेरे घर में मेरी मम्मी पापा और एक छोटा भाई है।

हमने अपने घर के बाहर एक दुकान खोलकर रखी है। अब मैं अपनी दुकान पर ही बैठता हूं। हमारे घर में एक ऊपर वाला पुर हिस्सा खाली है, इसके लिए हमने अपनी अतिरिक्त आय का उपयोग किया, उसे किराए पर देने के लिए बहार ऐड लगाई हुई थी।

एक दिन मैं अपनी दुकान पर बैठा था तभी एक खुबसूरत सी लड़की आई और बोली – सुनिए यहां पर कोई कमरा है किराय के लिए।

मैं- हां जी है बोलिये।

वो – मुझे किराए के लिए रूम चाहिए।

मैं उससे अपनी मम्मी के पास ले गया और उसे रूम दिखाया, मम्मी ने उससे 3000 रुपए मांगे पर उसने ना कर दी और कह दिया।

कि ये तो बहुत ज्यादा है और जाने लगी तभी मैंने मम्मी को इशारा किया कि कुछ कम करलो, मम्मी ने उसे रोका और 2500 रुपए कह दिए। वो झट से मान गई और कल शिफ्ट करने के लिए कह के गई।

मैं बहुत खुश था क्योंकि मुझे पहली नजर में ही उससे प्यार हो गया था। खैर वो अगले दिन अपने भाई के साथ अपना सारा सामान ले कर आ गई। मैं उनके साथ उनका सामान ऊपर शिफ्ट करा दिया, फिर उसका भाई वापस चला गया।

दोस्तो मुझे माफ़ करना, मैं उस लड़की के बारे में बताना तो आप को भूल ही गया। उस लड़की का नाम था काजल, वह गाजियाबाद से अपनी बी.टेक की पढ़ाई करने यहां आई थी।

काजल दिखने में बहुत ही खूबसूरत थी उसका फिगर 32-30-36 था और मैं उस पर फ़िदा हो चूका था।

कुछ देर बाद मैं उसे देखने उसके कमरे में चला गया और उसके साथ बात करने लग गया। उसने मुझसे मेरे बारे में पूछा।

मैं- यार मैं डिप्लोमा कर चुका हूं। अब अगले साल कॉलेज में एडमिशन लूंगा, क्योकि इस बार घर में दिक्कत आ गई थी।

कुछ देर बात करने के बाद मैं पहले गया और उसके लिए चाय बना कर ले आया और साथ में कह दिया कि आज रात का डिनर तुम हमारे साथ ही कर लेना क्योंकि अभी तुम्हारा सामान सेट नहीं हुआ, कल से बेशक तुम अपना खाना अलग बना लेना।

काजल ने मुझे धन्यवाद कहा और मैं आ गया मेरा दिल तो कर रहा था कि अभी जा कर उसे कह दूं कि आई लव यू पर मैं इतनी जल्दी कोई रिस्क नहीं लेना चाहता था।

अगले दिन मेरी मम्मी मार्केट गई थी और भाई स्कूल और पापा रोज की तरह अपने ऑफिस के मैं घर में अकेला था और काजल भी आज कॉलेज नहीं गई थी इस लिए मैं दुकान पर नोकर को समझा कर उसके पास चला गया।

काजल के कमरे में जा कर मैं उससे बातें करने लग गया और मैंने बातों-बातों में ही उससे पूछ लिया।

मैं- काजल अगर तुम बुरा ना मानो तो तुमसे एक बात पूछूं?

काजल- हां पुचो?

मैं- तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है?

काजल मेरी बात सुन कर शर्मा गई और बोली – तिलक तुम अभी यहां से जाओ तुम्हारे घर वाले गलत समझेगे फिर जाओ अब।

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मैं – अरे तुम डरो मत यहाँ कोई नहीं आएगा क्योंकि घर पर इस समय कोई नहीं है।

काजल- अच्छा फिर ठीक है। आप ये देसी कहानी readxstories.com पर पढ़ रहे हैं।

मैं – ठीक क्या है, मैंने जो पूछा है वो बताओ तुम?

काजल – हम्म्म अभी तक तो मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है और तुम्हारा है कोई?

मैं- नहीं मेरी भी अभी तक कोई नहीं है अगर तुम बुरा ना मानो तो हम दोनो बन सकते हैं?

काजल – इतनी जल्दी, चलो मैं सोच कर बताती हूँ।

मैं- ठीक है ठीक है आराम से सोचो मुझे कल बता देना।

ये कह कर मैं दुकान पर आ गया मुझे बस अब उसकी हाँ का इंतज़ार था।

अगले दिन काजल उठ कर सीधा कॉलेज चली गई मैं उसके आने का इंतजार करने लग गया। जब वो दोपहर को वापस आई तो मेरी तरफ देख कर प्यार से मुस्कुरा कर चली गई।

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मैं समझ गया कि उसकी हाँ है। पर फिर भी मैं उसके मुँह से सुनना चाहता था। मैं उसके रूम में गया।

मैं- हां काजल फिर क्या सोचा?

काजल- मेरी हाँ है तिलक।

मैं- हां है यार, प्लीज ठीक से बताओ मुझे समझ नहीं आया।

काजल- ओह्ह हो बुद्धू आई लव यू।

उसके मुँह से आई लव यू सुन कर मैं बहुत खुश हो गया मेरे दिल में ख़ुशी के लड्डू बनने लगे।

तभी काजल फिर से बोली – वैसे तिलक तुम्हें अपना बॉयफ्रेंड बना कर मुझे दो फायदे हैं।

मैं – क्या, कोन से दो फ़ायदे?

काजल – देखो एक तो मुझे कॉलेज में फालतू लड़के नहीं तंग करेंगे और दूसरा मुझे अब अपने रूम का कोई भी किराया नहीं देना पड़ेगा।

मैं – लडको की बात तो मेरी समझ आ गई पर ये किराया नहीं देना पड़ेगा वो मेरे समझ नहीं आया।

काजल- अरे यार मैं तुम्हें किराया दे दूंगी, तुम अपनी मम्मी को देना।

मैं – काजल तुम सीधा मम्मी को ही दे दिया करो ना मुझे क्यों बिच में डाल रही हो?

काजल- तुम तो एक नंबर के लल्लू हो।

मैं उसकी सारी कहानी समझ चुका था पर जान कर मैं अंजान बन रहा फिर मैंने उसे कहा – चलो अब मैं भी दुकान पर जाता हूं रात को मिलता हूं तुमसे।

रात को हम सब मिल कर बाहर बाज़ार में घूमने चले गए। काजल भी हमारे साथ ही थी, वही पर उसने मुझसे कहा –

तिलक मैं कल कॉलेज नहीं जा रहा हूं क्या तुम मेरे साथ मार्केट चल सकते हो मुझे कुछ अपने लिए सामान लेना है।

मैं- नहीं मैं नहीं जाऊंगा तुम मम्मी के साथ चली जाना ठीक है।

काजल- ठीक है।

हम सब करीब 2-3 घंटे बाहर घूम कर घर वापस आ जायेंगे। कुछ देर बाद रात को पापा ने हमें बताया कि हम सब ने कल सुबह दिल्ली जाना है हमारे रिश्तेदार की लड़की की शादी है।

मैंने जाने से मन कर दिया मैंने कहा – पापा काजल अभी यहां नई है, उसे यहां का अभी कुछ नहीं पता और मैंने दुकान भी खोल ली है।

मम्मी पापा को मेरी बात ठीक लगी वो मेरे घर पर काजल के साथ रहने के लिए मान गए। मम्मी ने मुझे कहा कि तू फिर भी उसको एक बार बता दे।

मैं ऊपर जा कर काजल को सब बताने का नाटक किया, क्योंकि मुझे पता था अगर मैंने काजल को बता दिया कि मेरी फैमिली 2-3 दिन के लिए बाहर जा रही है तो शायद वो भी अपने घर चली जाती है।

अगले दिन सुबह 6 बजे ही मैंने अपने मम्मी पापा और भाई को स्टेशन तक छोड़ आया।

जब काजल उठी तो वो मेरे पास आई और बोली – क्या बात है आंटी नहीं दिख रही है कहा है वो?

मैं- दरअसल मेरी फैमिली पास ही शादी में गयी है, शाम तक आ जाएगी सब।

मेरी बात सुन कर वो वापस चली गई और कुछ देर बाद फिर आकार बोली – तिलक मेरे बाथरूम में पानी नहीं आ रहा है क्या मैं तुम्हारा बाथरूम इस्तेमाल कर सकती हूं।

मैं- हां क्यों नहीं, कर लो।

काजल जेसे ही बाथरूम में घुसी मैं झट से दरवाजे के पास आ कर छोटे से छेद में से उसे देखने लग गया। काजल जितनी बाहर से गोरी थी।

उससे ज्यादा तो वो अंदर से गोरी, उसका नंगा जिस्म मुझे पागल कर रहा था मैं सारी दुनिया भूल कर उसके नंगे जिस्म का नजारा ले रहा था।

तभी उसने दरवाजा खोला तो मैं निचे बैठ कर उसे देख रहा था वो मुझे ऐसे देख कर डर गई और मैं भी एक दम घबरा गया।

काजल – ये क्या कर रहे हो तुम, मुझे नहाते हुए देख रहे थे।

इतना सुनते ही मैं खड़ा हुआ और झट से काजल के साथ ही बाथरूम में घुस गया और अंदर से दरवाज़ा बंद कर लिया और उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया, और काजल को यहा- वाहा किस करने लग गया।

काजल- तिलक छोड़ो मुझे मैं तुम्हारी मम्मी को बता दूंगी।

मैं- मेरी जान तुमने क्या सोचा मैं तुम्हारा किराया ऐसे ही दे दूंगा।

काजल – अच्छा तो तुम सब कुछ समझ चुके थे ऐसे ही मेरे सामने नाटक कर रहे थे।

मैं झट से उसका तौलिया उतार दिया और उसके मस्त बूब्स को अपने हाथ में लेकर मसलने लग गया। मेरा लंड तो पहले से ही खड़ा हुआ था मैंने भी अब अपने सारे कपड़े उतार दिये।

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मैंने काजल को नीचे बिठाया और अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया। काजल मेरे लंड को आइसक्रीम की तरह चाट रही थी और लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी, मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।

मैं – काजल तुम तो बहुत अच्छे से लंड चूसती हो पहले कभी चुदी हो?

काजल ने अपने मुंह से लंड निकाला और बोली – हां आज पहली बार तुम्हारा लंड लुंगी, मोबाइल में मूवी देख कर सब कुछ सीख गई हूं।

ये सुनते ही मैंने उसे बाथरूम से बाहर निकाला और अपने गोद में उठा कर अपने बेडरूम में ले आया। मैंने काजल की टांगें उठाई और उसकी चूत को देखा तो सच में बहुत टाइट थी।

मैंने अपना मुंह उसकी गुलाबी चूत पर रखा और उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लग गया और साथ ही साथ जोर-जोर से अपने मुंह से उसकी चूत को चूसने लग गया।

काजल के मुँह से मस्ती से भरी आह आअहह की आवाजें आनी शुरू हो गई वो बोली- तिलक प्लीज अब तुम अपना लंड डाल दो प्लीज।

मैं उठा और उसकी चूत पर तेल लगा लिया ताकि लंड आसान से उसकी चूत में चला जाए। अब मैंने अपना लंड काजल की चूत पर सेट किया और एक जोर से धक्का मारा, लंड आधा चूत में उतर चुका था।

काजल तो जोर जोर से चिल्लाने लग गई तिलक निकालो इससे मुझे दर्द हो रहा है। मैंने उसके होठों पर अपने होठों को रखा ताकि उसकी आवाज बाहर ना आए।

मैं फिर से 2-3 धक्के मारे और अब लंड पूरा अंदर जा चुका हूँ उसकी चूत में उतर चुका हूँ। अब मैंने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू कर दिए।

कुछ ही देर में काजल अपनी गांड उठा-उठा कर मेरा साथ देने लग गई। अब तक काजल दो बार अपनी चूत का पानी छोड़ चुकी थी।

मैं अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकला तो देखा तो पूरी चादर खून से भीग गयी थी। काजल को बहुत दर्द हो रहा था उससे तो ठीक से खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था।

काजल- तुम्हारा लंड तो अभी भी खड़ा है?

मैं- मेरी जान अभी इसका मन नहीं भरा है तुम्हें चोद के।

काजल – देखो अब मेरी चूत में मत डालना मुझे बहुत दर्द हो रहा है।

मैं- कोई बात नहीं तुम्हारी गांड में डाल दूंगा, वहा तो बिल्कुल भी दर्द नहीं होता।

मैंने उसे जान बूज कर कहा ताकि वो आराम से अपनी गांड मारवा ले, मैंने आज तक जितनी भी लड़कियों को चोदा है उनकी गांड तो मारी ही है।

मैंने उसे गांड मरवाने के लिए मना लिया अब मैंने काजल को घोड़ी बनाया और उसकी गांड में वैसलीन की पूरी डिबी लगा दी।

मैंने अपनी उंगली से वेसलीन उसकी गांड के अंदर तक लगा दी थी जिससे लंड एक ही बार में उसकी गांड की गहराईयो में उतर जाये।

अब मैंने उसकी कमर को कस कर पकड़ लिया ताकि वो ज्यादा हिले ना और आराम से गांड मारवा ले। मैंने अब अपना लंड काजल की गांड पर सेट किया।

मेरा लंड उसकी गांड के हिसाब से काफी मोटा था मुझे पता था आज ये रोयेगी जरूर, पर फिर भी मैंने उसे कस कर पकड़ा और काजल को बातों में लगा लिया।

जब वो मेरी बातों का जवाब दे रही थी तभी मैंने एक जोर से धक्का मारा और लंड उसकी गांड में आधा उतार दिया।

काजल तो इतने जोर से चिल्लायी पता नहीं क्या हो गया हो उसे वो उठ कर भागना चाहती थी पर मैंने उसे कस कर पकड़ा हुआ था मैंने अपने दोनों हाथ उसके मुंह पर रखे और जोर जोर से उसकी गांड को चोदने लग गया।

काजल का रो रो कर बुरा हाल हो गया था करीब 5 मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद मेरे लंड का पानी निकलने वाला था।

मैंने अपना लंड गांड में निकाला और काजल के मुँह में डाल दिया। अब काजल एक छोटे बच्चे की तरह मेरा लंड चूस रही थी।

और एक दम चुप हो गई, कुछ ही देर में मेरा लंड का पानी उसके मुँह में ही निकल गया और काजल मेरे लंड का सारा पानी पी गई।

मैंने उसे अपनी गोद में उठाया और उसे बाथरूम में ले कर फिर से दर्द से नहलाया और मैंने भी उसके साथ ही नहा लिया।

अगले 2 दिन क्या हुआ वो मेरी अगली कहानी में।

दोस्तो मेरी ये पहली हिंदी सेक्स कहानी थी आपको कैसी लगी मुझे जरूर बताना। धन्यवाद।

By admin

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