bhai behen ki chudayi

हेलो दोस्तों मैं शहज़ादी हूं, आज मैं एक नई सेक्स स्टोरी लेकर आ गई हूं जिसका नाम है “सगी बहन को कराई मोटे लंड की सैर–bhai behen ki chudai” यह कहानी सुमित की है आगे की कहानी वह आपको खुद बताएँगे मुझे यकीन है कि आप सभी को यह पसंद आएगी।

हेलो दोस्तों, मैं सुमित एक सच्ची कहानी लेकर आया हूँ जिसमें मैं आपको बताऊंगा कि कैसे मैंने अपनी ही शादीशुदा बहन को चोदा। कहानी शुरू करने से पहले मैं आपको अपने बारे में थोड़ा बता दूँ। मेरा नाम सुमित है। मैं हरियाणा से हूँ। मेरी उम्र 24 साल है।

मेरी आज तक कोई गर्लफ्रेंड नहीं बनी, क्योंकि मुझे लड़कियों से बात करने में डर लगता है। इसलिए मैं मुठ मारके काम चला लेता हूँ।(bhai behen ki chudai)

मेरे परिवार में माँ, पिताजी, दादी और 1 बहन है। पिताजी खेती करते हैं और माँ गृहिणी हैं। मेरी बहन की शादी 4 साल पहले हुई थी और वो जीजा के साथ शहर में रहती है।

मेरी बड़ी बहन की उम्र 28 साल है। मेरी बहन का साइज़ 34-30-36 है। अगर कोई मेरी बहन को एक बार देख ले तो उसे मेरी बहन को चोदने का मन ज़रूर करेगा।

मेरी बहन की शादी 4 साल पहले हुई थी। लेकिन अभी भी उनके कोई बच्चा नहीं है। मेरी बड़ी बहन बहुत ही शरीफ लड़की रही है। शादी से पहले दीदी का कोई बॉयफ्रेंड नहीं था। दीदी ने बी.ए. किया है। दीदी घर से कॉलेज और कॉलेज से घर सीधे आती थी।

वो मुझसे दोस्ताना व्यवहार रखती थी। कॉलेज के 1 साल बाद दीदी की शादी हो गई।(bhai behen ki chudai)

पहले मेरे मन में दीदी के लिए कोई ग़लत ख्याल नहीं था। लेकिन करीब एक साल पहले की बात है, जब एक रात मेरी दीदी हमारे घर रहने आईं। तब पहली बार मेरे मन में दीदी के लिए ग़लत ख्याल आए। उस समय सर्दी थी।

दीदी मेरे साथ मेरे बिस्तर पर सो रही थीं। रात के 2 बजे मेरी नींद खुली। तब मेरा एक हाथ दीदी के चूचो पर था। पहले तो मैंने अपना हाथ दीदी के चूचो से हटाया, और थोड़ी देर के लिए मुझे लगा कि ये ठीक नहीं है।

लेकिन इस हरकत की वजह से मेरा लंड खड़ा हो गया। मेरे लंड का साइज़ 7 इंच है। अब मुझे फिर से दीदी के चूचो को छूने का मन कर रहा था।

लेकिन मुझे बहुत डर भी लग रहा था कि अगर दीदी जाग गईं तो दीदी मेरे बारे में क्या सोचेंगी। लेकिन लंड का क्या कर सकते हैं? डरने से कोई फ़र्क नहीं पड़ता।

मैंने थोड़ी हिम्मत जुटाई और अपना हाथ दीदी के चूचो पर रख दिया. मैंने कुछ देर तक अपने हाथ उनके चूचो पर रखा, फिर दीदी की तरफ देखा कि कहीं वो जाग तो नहीं गई. लेकिन दीदी आराम से सो रही थी.(bhai behen ki chudai)

फिर मैंने दीदी का एक चूचा अपने हाथ में लिया. उनका एक चूचा पूरी तरह से मेरे हाथ में था. दीदी रात को सलवार सूट पहन कर सोती थी. उस दिन दीदी ने अन्दर ब्रा भी नहीं पहनी थी. दीदी के बहुत tight boobs थे.

फिर मैंने थोड़ी और हिम्मत जुटाई और दीदी के चूचो को धीरे धीरे सहलाया. मेरी हिम्मत थोड़ी और बढ़ गई थी. अब मैं दीदी की चूत को छूना चाहता था, लेकिन मुझे बहुत डर लग रहा था कि अगर दीदी जाग गई तो मेरा क्या होगा. इसलिए मैंने रिस्क लेना ठीक नहीं समझा और मैं यहीं रुक गया और बाथरूम में चला गया.

फिर मैंने पहली बार दीदी के नाम से मुठ मारी. आज पहली बार मुझे मुठ मरने में भी बहुत मज़ा आया. मुठ मरने के बाद मैं दीदी के पास जाकर सो गया. फिर मैं सुबह उठा. फिर मैंने देखा कि पूरा दिन सब कुछ सामान्य था. फिर रात हो गई. मैंने सोचा कि आज मैं दीदी की चूत को जरूर छूऊंगा. ये सोचते हुए मैं अपने कमरे में जाकर लेट गया और दीदी का इंतजार करता रहा.

लेकिन उस रात दीदी मेरे कमरे में नहीं आई. फिर मैंने बाहर जाकर देखा कि दीदी कहां है. तो मैंने पाया कि दीदी मां के साथ सो रही थी. फिर 4-5 दिन ऐसे ही चलते रहा.(bhai behen ki chudai)

मैं रात को दीदी का इंतजार करता था लेकिन दीदी मां के साथ सोती थी. फिर जीजू दीदी को लेकर चले गए. अब मैं हर दिन यही सोचता था कि काश मैंने आगे कुछ किया होता. अब मुझे खुद पर भी गुस्सा आ रहा था. ऐसे ही 6 महीने बीत गए और दीदी फिर से हमारे साथ रहने आने वाली थी.

मैं बहुत खुश था कि इस बार मैं आगे बढ़ूंगा और हो सका तो दीदी को भी जरूर चोदूंगा. फिर दीदी हमारे साथ रहने आ गई. अब मैं हमेशा दीदी को ध्यान से देखता था कि मैंने पहले दीदी को चोदने की कोशिश क्यों नहीं की. अब गर्मी के दिन आ गए थे. हम सब घर के आंगन में सोते थे. अब मेरे लिए अपना काम करना बहुत मुश्किल हो गया था,

क्योंकि मुझे डर था कि अगर मैंने गर्मी में सबके सामने दीदी के साथ कुछ गलत किया तो कोई देख लेगा.(bhai behen ki chudai)

तो मैं ऐसा कुछ नहीं करना चाहता था कि बात हाथ से निकल जाए और मैं दीदी को चोद न पाऊँ. तो मैंने इंतज़ार करना ही बेहतर समझा और मैं दीदी की हर हरकत पर नज़र रखने लगा. एक दिन शाम का समय था और दीदी झाड़ू लगा रही थी. मैं सामने कुर्सी पर बैठा था. जैसे ही दीदी झाड़ू लगाने के लिए झुकी तो उनके चूचे साफ़ दिखाई देने लगे.

सबसे पहले तो दीदी ने ढीला कुर्ता पहना हुआ था और ब्रा भी नहीं पहनी थी, जिसकी वजह से दीदी के चूचे साफ़ दिखाई दे रहे थे.

उनके निप्पल मुझे साफ़ दिखाई दे रहे थे. ये देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. मेरा मन कर रहा था कि दीदी को वहीं पटक दूँ और उनके चूचो को अच्छे से दबाऊँ और एक-एक करके चूसूँ. ये सोच कर मेरा बुरा हाल हो गया और मैं अपने आपे से बाहर हो गया.

क्योंकि मैंने पहली बार किसी औरत के चूचो के निप्पल तक देखे थे. वो भी मेरी अपनी बहन के. फिर मैं वहाँ से सीधा बाथरूम में गया और दीदी के चूचो के बारे में सोच कर मुठ मारने लगा.

पहली बार मैं इतना झड़ा था. उस रात मैंने दीदी के नाम से 2 बार और मुठ मारी। फिर ऐसे ही दिन बीतते गए। जब भी दीदी काम करने के लिए झुकती तो मैं तुरंत दीदी के सामने चला जाता, ताकि मुझे दीदी के चुचे अच्छे से दिख सकें।

आज रात मुझे नहीं पता था की मुझे दीदी की हवस के बारे में पता चलने वाला हैं (bhai behen ki chudai)

हुआ ये की इतने दिन बीतने के बाद दीदी को समझ आ गया था की मेरे इरादे अब उनके लिए बदल गए थे रात होते ही मै आज दूसरे कमरे में सोने चला गया क्युकी मुझे आँगन में सोने से डर था की कही मैं कोई ऐसी हरकत ना करदू की कोई मुझे देख ले पर आज रात शायद दीदी ही इस दिन का इंतज़ार कर रही थी की काश सुमित मुझे अकेले कमरे में मिले

और अब वो दिन आ ही गया दीदी रात करीब 2 बजे कमरे में आई उस समय मै उनके चूचो को सोच कर मुठ ही मार रहा था एकदम से दीदी को देख कर मै डर गया और अपने कपडे ढूंढने लगा मै पूरा नंगा दीदी के सामने खड़ा था और मेरा तना हुआ नाग जैसे लंड से माल टपक रहा था ये सब देख कर ऐसा लगा जैसे दीदी मेरा लंड देख कर हवस से भर गयी है लेकिन कुछ बोल नहीं पा रही

मैंने मौके का फायदा उठाया और दीदी के हाथ पकडे और उनसे कहा दीदी मुझे पता है आप किसी को नहीं बताओगी फिर उन्होंने मुझसे कहा की सुमित तुझे मेने बहुत दिन देखा मुंझे तेरे इरादे समझ आ गए थे पर मैंने अपने आप को रोका था इसीलिए मैंने माँ के साथ सोना शुरू किया था पर आज मै भी तुझे ये बताना चाहती हु की तेरे जीजा का लंड 2 साल से खड़ा नहीं होता होता भी है तो 1-2 मिनट से ज़्यादा वो कुछ नहीं कर पाते है मै अपने बदन की आग से तड़प रही हु बहुत साल से लेकिन अब और नहीं|(bhai behen ki chudai)

इतना सुनते ही मेरे सबर का बाँध टूट गया मुझे ऐसा लगा जैसे जिस चीज़ के लिए मै तड़प रहा था वो भी मेरे लिए उतना ही तड़प रही थी फिर क्या था मैंने कुछ नहीं देखा मेरे अन्दरं इतनी हवस थी की मैंने दीदी के कपडे फाड़ डाले उन्हें पूरी तरह नंगा करके सीधा उनकी गीली चूत में मुँह लगा दिया दीदी ने मेरे बालो को पकड़ा और तेज़ तेज़ अपनी चूत पे रगड़ना शुरू कर दिया|

मै अपने दोनों हाथो से उनके दोनों चूचो को दबा रहा था उनके अंदर इतनी हवस भरी पड़ी थी मानो वो लंड के लिए तड़प रही हो उनकी आवाज़ों से मेरा लंड पूरी तरह उनकी चूत को फाड़ने को तैयार था मैंने अब उन्हें बिस्तर पर पटक दिया और सीधा उनकी चूत में अपना लंड घुसाने लगा तभी दीदी ने मुझे रोका और बोली की कंडोम लेलो (bhai behen ki chudai)

तो मेने ज़्यादा देर न करते हुए कंडोम पहना और उनकी चूत में लंड डालना शुरू किया दीदी चिल्लाई अह्ह् पूरा अंदर डाल दे उनकी चूत चोदते हुए मुझे ऐसा महसूस हो रहा था जैसे मै किसी कुंवारी लड़की की चूत की सील तोड़ रहा हु इतनी गर्मी थी दीदी की चूत में जीजा का लंड छोटा था इसीलिए दीदी की सील पूरी तरह नहीं टूट पायी थी जिसे मैंने आज अंदर तक तोड़ डाला|

अलग अलग तरह से मैंने उनकी Tight Chut फाड़ी इसके बाद दीदी ने बोला सुमित भाई अब मेरी गांड का इलाज भी तो कर

तभी मैंने कंडोम उतार फेका और उनकी moti gand के छेद में सरसो का तेल लगाया क्युकी छेद छोटा था तेल लगा के जैसे ही मेने लंड अंदर घुसाया दीदी और मुझे दोनों को ऐसा दर्द हुआ जो हमसे बोहोत मुश्किल से सेहेन हुआ इतना टाइट छेद था की बिस्तर पर खून ही खून हो गया पर अब धीरे धीरे दर्द काम हुआ और मज़ा आने लगा पूरी रात हम दोनों भाई बहन ने खूब सेक्स किया करीब सुबह 5 बजे पहले दीदी झड़ी उनका सारा माल मैंने चखा (bhai behen ki chudai)

उन्होंने 20 मिनट और मेरा लंड मुँह में लेके हिलाया और मेरा भी सारा माल अपने मुँह मेही झड़वा लिया

दीदी के कपडे फट गए थे इसीलिए उन्होंने जल्दी से दूसरे कमरे में जाके कपड़े बदले मैंने भी अपने कपडे पहने और किसी को पता नहीं चला की रात को घर में क्या हुआ  अब दीदी और मै हमेशा ऐसे ही सेक्स करते थे जब भी बहन घर रहने आती थी

अगर आप ऐसी और कहानियाँ पढ़ना चाहते हैं तो आप “antarvasnaxstory.com” की कहानियां पढ़ सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Gurgaon Call Girls

This will close in 0 seconds