दोस्त की बहन को घोड़ी बना के चोदा

दोस्तो, ये हिंदी सेक्स कहानी मेरे बहुत करीबी दोस्त सचिन की बहन काजल की है। सचिन मेरा कॉलेज का दोस्त था और हम दोनों एक ही क्लास में पढ़ते थे। इस कहानी में मैं आपको बताऊंगा कैसे मैंने दोस्त की बहन को घोड़ी बना के चोदा

मेरा उसके घर आना-जाना चलता रहता था। उसकी एक बड़ी बहन थी, जिसका नाम काजल था। वो दूसरे कॉलेज में इंग्लिश टीचर थी। वो दिखने में एक-दम जहर थी। मतलब वो इतनी गरम थी, कि उसको देख कर मरे हुए आदमी का भी लंड खड़ा हो जाये।

वो ज्यादा गोरी नहीं थी, थोड़ी सावली ही थी। मुझे ऐसा लगता था, अगर वो थोड़ी ज़्यादा गोरी या काली होती, तो उतनी अच्छी नहीं दिखती, जितनी अभी दिखती थी।

उसको कोई और रंग सूट भी नहीं होना था, क्योंकि ऊपर वाले ने उसे पहले से ही फुर्सत में बनाया था। मैं उसको तब से ताड़ता था, जब से उसके कॉलेज में एडमिशन हुआ था।

जब भी मैं उसके घर जाता था, वही दरवाजा खोलती थी और हस कर स्वागत करती थी। उसकी खूबसूरत मुस्कान देख कर मेरी जान निकल जाती थी और मुझे फील होता था, कि उससे शादी कर लू।

दोस्त की बहन को घोड़ी बना के चोदा और उसकी प्यासी चूत शांत किया

शादी के बाद हर रोज़ काम से घर आने का मकसद सिर्फ उसकी नशीली मुस्कान हो। वो घर में हल्की टी-शर्ट और योगा पैंट जैसी लेगिंग्स पहनती थी।

उसके बूब्स क्या मस्त थे, जब मैंने उसको पहली बार देखा था, तो वो एक-दम कड़क माल थी। कुछ साल में वो थोड़ी मोटी सी हो गई थी। चलते वक्त उसकी गांड मटकती थी और उसके बूब्स का साइज भी आम से पपीता जैसा हो गया था।

कुछ सालो में हर बार मैं मन मार-मार कर उसके घर जाता था। मेरा दिल अंदर से जलता था उसको देख कर। वो इतनी टाइट शॉर्ट्स पहनती थी, उसकी शॉर्ट्स में उसकी चूत का आकार बाहर से साफ दिखता था।

मेरा मन करता था, कि उसका कुत्ता बन कर राहु और बस चाट-ता राहु उसको। दिल करता था, उसकी चूत, गांड और सारा बदन चाटु।

मेरा लंड उसके नाम से एक-दम गाढ़ा पानी निकालता था। फिर आख़िरकार वो दिन आ ही गया, जब उसकी शादी तय कर दी गई थी। (दोस्त की बहन को घोड़ी बना के चोदा)

मैं ये खबर सुन कर बहुत दुखी हुआ था। उसका दूल्हा ऐसा दिख रहा था, जैसा किसी घर का नौकर हो। दुल्हा काजल दीदी से छोटा था।

मैंने उसको देख ही लिया था, कि साले का लंड 4 इंच से ज़्यादा मोटा नहीं होगा। अब उनके घर की बात थी, तो मैं क्या बोल सकता था।

काजल भी शादी में खुश नहीं दिख रही थी।उसके जाने के बाद मुझसे एक बंदी सेट हो गई थी और मैं उसी पर सारी भड़ास निकालता था।

दोस्त की बहन को घोड़ी बना के चोदा

🎀बेस्ट चुदाई हिंदी कहानी: कामवाली की जोरदार चुदाई🎀

मैंने उसको चोद-चोद कर उसका बदन गदरीला बना दिया था। मैं एक हफ़्ते में 4 बार तो चोद ही देता था उसको।मैंने सचिन के घर जाना भी कम कर दिया था। अब कोई मकसद ही नहीं रह रहा था उसके घर जाने का। एक दिन उसने बोला-

सचिन: काजल दीदी आई है घर पर, कल मम्मी-पापा का बर्थडे है और घर वालों ने तुझे आने को बोला है।

मैं तो ये सुन कर ख़ुशी से पागल हो गया। मैं उस दिन मस्त तैय्यार होकर वाहा गया। पार्टी में काजल दीदी ने काले रंग का वन पीस पहना था और उसको देखते ही मेरे लंड में खुजली होने लगी। (दोस्त की बहन को घोड़ी बना के चोदा)

मैं अंकल-आंटी से मिला, लेकिन उसके पास नहीं गया। थोड़ी देर बाद काजल दीदी ही मेरे पास आई और बोली-

काजल दीदी: अरे तिलक, क्या हो गया भाई? नाराज़ हो क्या मुझसे? तुम तो मुझे देख भी नहीं रहे, वैसे काफ़ी बदल गए हो और पहले से हैंडसम भी हो गए हो। लगता है कोई बंदी सेट कर ली है शायद।

💝देसी सेक्सी और हॉट लड़किया चुदाई के लिए कभी भी बुक करे💝

Delhi Escorts

Aerocity Escorts

Mahipalpur Escorts

फिर मैंने भी काजल दीदी के साथ फ़्लर्ट करना चालू किया और बोला-

मैं: अरे कहा, आपने दिल जो तोड़ दिया शादी करके। उसके बाद किसी को देखने की हिम्मत ही नहीं हुई।

ऐसे ही बातें-बातों में मैंने उनको अपनी बारे में बताया। उन्होंने भी बताया, कि उनका तलाक हो गया है और अब वह यहीं रहेगी।

फिर क्या था, उनको बाहर मिलना और उनके साथ घूमना चालू हो गया। हम रात-रात मैसेज करते थे और वो अपनी तस्वीर भेजती थी। अब ऐसा था, जैसे वो मेरे हाथ में आ गई थी और बस उसको खाना ही बाकी था।

एक दिन दोपहर को उसका फ़ोन आया और ऐसी ही बातो-बातो में काजल दीदी बोली-

काजल दीदी: मेरे घर पर कोई नहीं है और सब 2 दिन के लिए बाहर चले गये हैं। मुझे अकेला डर लगता है घर पर रहने में, तो तुम आ सकते हो? (दोस्त की बहन को घोड़ी बना के चोदा)

मैं सब समझ गया था और मैं मस्त दारू, केक, कंडोम और गिफ्ट्स लेके उसके घर पहुंच गया। उन्होंने दरवाजा खोला और वही नशीली मुस्कान दी। हाय मैं मर-जावा, क्या मुस्कुराती थी।

काजल दीदी ने एक लाल रंग की टी-शर्ट और एक काली छोटी से चड्डी पहनी हुई थी। उनकी चड्ढी उनकी जाँघों से भी ऊपर थी, जैसी पैंटी पहननी हो।

मैंने दरवाजा लगाया और उनको गोदी में उठा लिया। वो हंसने लगी और बोली-

काजल दीदी: अरे धीरे, 2 दिन है हमारे पास। इतनी जल्दी-बाजी मत करो। मुझसे अब नहीं जा रहा था।

मैं 2 साल से इस पल का इंतज़ार कर रहा था। फिर मैं सोफे पर बैठ गया और वो मेरी गोदी में बैठ गई। फिर हम एक-दूसरे को मस्त चूमने लगे। उन्होंने स्ट्रॉबेरी वाली लिपस्टिक लगाई हुई थी। ऐसे लग रहा था, कि मैं स्ट्रॉबेरी खा रहा हूँ।

मैं तो उसकी सारी लिपस्टिक चाट गया। मैं काजल की टी-शर्ट निकली, तो उसने अंदर लाल ब्रा पहनी थी। उस लाल ब्रा में उसने अपने पपीते क़ैद कर रखे थे।

दीदी ने जैसे ही हाथ पीछे करके ब्रा का हुक खोला, तो उनके पपीते उछल कर बाहर आ गए। उसके इतने बड़े बूब्स थे, कि दोनों हाथों से दबाने पड़ रहे थे। दीदी ने मुझे उनके बूब्स चुसने को बोला और मैं चुसने लगा।

मुझे आज काजल दीदी को चाटना था। 2 साल से जो मैंने सोचा था, आज मुझे वो सब करना था। फिर मैं उनको उठा कर अंदर ले गया। (दोस्त की बहन को घोड़ी बना के चोदा)

अंदर जाके जब मैंने उनकी चड्डी निकाली, तो काजल ने नीचे काली पैंटी पहन ली थी। मैं उनके ऊपर चढ़ गया और उनको छूने लगा।

मैंने उनके हाथ ऊपर किये और उनका बगल चाटने लगा। क्या मस्त खट्टा सा स्वाद था उनके बदन का। वो अब बस सिस्कियो में बात कर रही थी।

काजल दीदी : आआआ.. स्स्स्स्स.. आआअह.. ओह्ह्ह्ह… चोदो.. तिलक चोदो।

फिर मैंने धीरे-धीरे नीचे जाते हुए उनकी नाभि को चाटा, तो वो चीख पड़ी-

काजल दीदी: आअयययई..लगता है तू आज मार डालेगा मुझे।

फ़िर मैं नीचे गया और उसकी चूत को ऊपर से ही चाटने लगा। उसने चड्डी के साइड की चूत शेव करी हुई थी। उसकी गुलाबी चूत फूली हुई थी। मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसकी जांघे फेलाई और चूत चाटने लग गया।

मैंने उनकी पैंटी उतारी और कुत्तो जैसे उसकी चूत को चड्डी के ऊपर से चाट रहा था। दीदी ने मेरे सर में हाथ घुमाना चालू कर दिया।

वो गांड उठा-उठा कर मेरा साथ दे रही थी। फ़िर वो मेरा सर पकड़ चुत में दबाने लगी। थोड़ी देर में उनका पानी निकल गया और मैं सारा पानी निगल गया। फ़िर मैंने उनकी जाँघों को चाटा।

अब मुझे उनकी गांड चाटनी थी, तो मैंने उन्हें घोड़ी बनाने को कहा। फ़िर वो बोली-

काजल दीदी: हाय-हाय, तू क्या आफत मचा रहा है तिलक, ऐसे मत तड़पा।फिर वो घोड़ी बन गई और मैंने उनकी गांड फेला कर गांड के छेद को सूंघा।

एक अजीब सा नशा था उनकी गांड में। फिर मैंने अपने मुँह उनकी गांड में डाल दिया और चाटने लगा। वो तब पागल सी हो गई थी। (दोस्त की बहन को घोड़ी बना के चोदा)

काजल दीदी: ओह्ह्ह.. हय… आआआ..वो गांड हिला-हिला कर मेरे मुँह को दबाये जा रही थी और उनके गाल रुक नहीं रही थी।

फ़िर उनका हाथ चूत पर गया था और वो खुद उंगली कर रही थी। शायद वो वापस से गरम हो गई थी। फ़िर वो मेरी तरफ़ मुड़ी और मुझे बाहो में लेके छूने लगी। उसने मेरी जीब को चूस-चूस कर सूखा कर दिया था। फ़िर वो बोली-

काजल दीदी: तू मुझे पहले क्यू नहीं मिला? मैं तेरे साथ भाग जाती है. तिलक तुमने इतने साल ये प्यार अपने मन में दबाये रखा।

एक बार मुझे बोला होता, तो मैं ये शादी कभी नहीं करती। उनको मुझे नंगा किया और मेरे लंड को हाथ में पकड़ कर हिलाने लगी।

फिर वो ऊपर आ गई और मेरा लंड मुँह में लेके चुसने लगी। उन्हें मेरे लंड पर थूक कर, उसी थूक को लंड पर लगाया और मेरा पूरा लंड गीला कर दिया।

मुझे लंड चुसवाना अच्छा नहीं लग रहा था, तो मैं उठ कर खड़ा हो गया और दीदी का सिर पकड़ लिया। फिर मैंने उनके मुँह में लंड पेलने लगा, मेरा पूरा लंड उनके अन्दर गले तक डाल रहा था।

वो खाँस रही थी, काजल दीदी ने जांघे फेलाई और मुझे चूत दिखा कर बोली-

काजल दीदी: आजा मिटा दो मेरी प्यासी चूत की आग। मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रखा और ज़ोर का धक्का मारा।

उन्होंने मुझे कस के पकड़ लिया। शादी के बाद भी उनकी चूत काफी टाइट थी। मैं जब धक्के मारता है, तो उनसे सहन नहीं हो रहा था।

वो एक धक्के के बाद थोड़ी देर वैसे ही मुझे रोक देती और लंड को अंदर ही अंदर रगड़ती। मुझे लगा अब मैं झड़ जाऊंगा, इसलिए मैंने लंड निकाला और उनसे चिपक के चुम्मा-चाटी करने लग गया।

लेकिन वो मेरे लंड को हिला-हिला कर, खुद ही चूत में लेने का प्रयास कर रही थी। मैंने उनको घोड़ी बनाया और खड़ा होके पीछे से लंड डालने लगा। सच बोलता हूं दोस्तो, क्या गजब की फीलिंग थी।

लंड उस गर्म-गर्म चूत में जाता हुआ महसूस हो रहा था। दीदी का पूरा बदन कांप रहा था। दीदी ने बाल पीछे किये और मुझे पकड़ने को बोली। (दोस्त की बहन को घोड़ी बना के चोदा)

दोस्त की बहन को घोड़ी बना के चोदा

🎀बहन की चुदाई हिंदी कहानी: चचेरी बहन गर्ल्स हॉस्टल की रंडी बनी🎀

फ़िर मैं उनको बाल पकड़ कर ऐसे चोद रहा था, जैसे कुटिया को पट्टा लगा कर घुमाते हैं। मैं एक हाथ उनकी कमर पर रख कर धक्के मार रहा था।

फ़िर वो नीचे से मेरे हाथों को पकड़ कर अपने चुचो पर ले गई और बोली-काजल दीदी: मसल इन्हें। मैं उनके बूब्स को बेरेहमी से मसल रहा था। मैं उनके निपल्स को उंगली में पकड़ कर रगड़ रहा था।

अब वो भी गांड पीछे करके लंड अंदर ले रही थी। शायद वो झड़ने वाली थी, तो वो घूम कर सीधी लेट गई। फ़िर उन्हें अपनी जांघे फैलाई और मुझे अपने ऊपर आने को बोला।

मैं उनके ऊपर चढ़ कर धक्के मारने लगा, उसने मुझे कस कर पकड़ लिया और अब मुझे भी झड़ने जैसा महसूस हो रहा है। वो मुझे ज़ोर से चोदने को बोल रही थी।

काजल दीदी: हाआ..ओह्ह्ह्ह. तिलक… मैं तुमसे प्यार करती हूँ। चोदो मुझे, जोर से चोदो मुझे आआअहह, मार और तेज़ मार? रुक मत चोदता जा।

मेरा झड़ने वाला था और मैं उनकी चूत के अंदर ही झड़ गया। मैं उनको झड़ने के बाद भी चोद रहा था। दीदी ने अपनी पकड़ मजबूत कर दी और मैं अब हिल भी नहीं पा रहा था।

अब दीदी नीचे से गांड उठा-उठा कर चुद रही थी और आख़िर में वो झड़ गयी। अब हम दोनों हांफ रहे थे. फ़िर वो बोली-

काजल दीदी: तिलक मैंने पूरी जिंदगी में इतना मजा कभी नहीं किया। फिर वो मुझे ‘आई लव यू’ बोलने लगी। मैंने भी ‘आई लव यू टू’ बोला। (दोस्त की बहन को घोड़ी बना के चोदा)

उन 2 दिनों में हमने 8 बार चुदाई की। हम घर में नंगे ही घूम रहे थे। हम सोये भी नंगे और एक दूसरे को पकड़ कर नहाये भी नंगे। 2 दिन बाद मुझे दीदी को चोद कर जाने का मन ही नहीं हो रहा था।

मैं शाम को 6 बजे मैं वहां से निकल रहा था। सचिन और बाकी घर वाले 7 बजे तक आने वाले थे। मैंने घर से बहार जाते वक्त उन्हें बाहो में भर लिया और एक लंबी चुम्मी ली।

दीदी ने नाइटी पहन ली थी, मैं घर से निकल कर लिफ्ट तक गया और पता नहीं मुझे क्या हुआ, कि मैंने वापस उनके घर जाके बेल बजाई। उन्होंने दरवाजा खोला और मुझे बोला-

काजल दीदी: क्या हुआ?

मैंने कहा: वॉलेट रह गया है।

उन्होन दरवाजा खोला और बटुआ ढूढ़ने अंदर चली गई। मैंने दरवाजा लगा दिया और उनके पीछे चला गया। वो झुक कर वॉलेट चेक कर रही थी।

मैं पीछे से गया और उनकी नाइटी ऊपर उठा कर, उनकी गांड में अपना मुंह डाल दिया। वो समझ ही नहीं पाई, क्या हो रहा था। फ़िर वो मुझे बोलने लगी-

काजल दीदी: तिलक अभी नहीं प्लीज, घर वाले आने वाले हैं। वो मान ही नहीं रही थी, मैं उनकी नाइटी उतार रहा था और वो उतारने नहीं दे रही थी। मैं गुस्से में आ गया और बोला-

मैं: मुझे भूल जाओ और दोबारा फोन मत करना, ना ही मैसेज करना। अगर दोबारा मुझसे संपर्क किया, तो मैं सचिन को सब बता दूंगा।

और ये बोल कर मेरे गुस्से में वाहा से जाने लगा। वो मेरे पीछे भागते-भागते आये और मुझे एक ज़ोर की रख के दी। फ़िर वो बोली-

काजल दीदी: क्या बोला! तुझे सिर्फ चूत चाहिए, मेरी फीलिंग तो कोई कदर नहीं है। उसने नाइटी उतार दी और नंगी होके मेरे लंड को चुसने लग गई।

मेरे को भी यही चाहिए था, फ़िर मैं उसको घोड़ी बना कर पीछे से चोदने लगा। वो मेरे हाथ पकड़ कर अपने चुचो पे ले गई और अपने चुचे दबवाने लगी। (दोस्त की बहन को घोड़ी बना के चोदा)

मैं बोला: आई लव यू काजल दीदी, चलो हम भाग चलते हैं और चुपके से शादी कर लेते हैं। मैं आपके बिना नहीं रह सकता।वो भी मेरी बात सुन कर रोने लगी, उसने मुझे सोफे पर धक्का मारा और मेरे ऊपर बैठ गयी।

फ़िर उन्हें मेरा लंड अपनी चूत में ले लिया। वो मुझे चूमने लगी और बोली –

काजल दीदी: मैं तेरी हूँ अब से।

मैं: सॉरी काजल, मुझे माफ़ कर दो अगर मैंने तेरे दिल को दुखाया है तो। आगे से ऐसे सब ख़तम वाली बात नहीं करूंगा तुमसे।

काजल दीदी: ऐसे बात मत कर, मैं तुझसे नाराज़ नहीं हूँ। हमारी चुदाई चालू थी, तभी सचिन की आवाज आयी। काजल डर गई और जब उसने खिड़की से नीचे देखा, तो उनके घर वाले आ गए।

वो काजल को आवाज देके पार्किंग के दरवाजे की चाबी मांग रहे थे। काजल मुझे जाने के लिए कह रही थी। लेकिन मेरा अभी तक झड़ा नहीं था।

मैं उसको चोद रहा था और वह चुदवा रही थी। आख़िर में मैं झड़ गया। फिर उसने नाइटी पहन ली और वैसे ही आधा नंगा बाहर आ गया।

मैं लिफ्ट पर गया, तो लिफ्ट नीचे से ऊपर आ रही थी। तो मैं ऊपर चला गया। 2 मंजिल के बाद उनका छत था। मैं आधा नंगा ही वाहा चला गया और वाहा जाके कपडे पहने।

फ़िर मैं काफ़ी देर वही बैठा रहा।कुछ देर बाद काजल का मैसेज आया-

काजल: सब काम में बिजी हो गए हैं, तो तुम निकल जाओ। फ़िर मैं वहां से निकल गया।

तो दोस्तों कैसी लगी मेरी हिंदी की सेक्स कहानी, मुझे कमेंट में जरूर बताए। धन्यवाद।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *