दोस्तो मैं काफी स्लिम हूं पर मेरी गांड काफी गोल मटोल है और मेरे स्तन भी लड़कियों की तरह हैं। मैं इस कहानी में आपको बताऊंगा की कैसे मैं अपने कॉलेज फ्रेंड के भाई में लड़की बना कर पलंग तोड़ चुदाई की, उम्मीद करता हूँ आपको कहानी पसंद आएगी।
मैं बचपन से ही क्रॉस-ड्रेसिंग करता हूं, मुझे औरत बनने का शौक है। चलो आपको बोर ना करते हुए सीधे अपनी गे सेक्स स्टोरी पर ले आता हूँ।
बात उस समय की है जब मैं 19 साल का था, तभी मैंने साइंस में एडमिशन लिया था, कॉलेज में मैं शर्ट पैंट के अंदर ब्रा और पैंटी पहन कर आया था।
पर कभी किसी को पता नहीं चला, पर जैसे जैसे दिन गुजरते गए पढ़ाई का दबाव बढ़ता गया।
तभी मेरी मुलाकात रेशमा से हुई, वो काफी समझदार और पढ़ाकू लड़की थी, वो मुझे हमेशा पढ़ाई में मदद करती थी। दिन गुज़रते गए और पढाई का दबाव भी बढ़ता गया।
एक दिन मैं यू ही खामोश बैठा था कि तभी रेशमा ने मुझसे पूछा “क्या हुआ सिराज?” तो मैंने कहा, “परीक्षा सर पे है और मेरी पढ़ाई हुई नहीं है, मैं क्या करूं? लगता है मैं फेल हो जाऊंगा”।
लड़की बना कर पलंग तोड़ चुदाई – बेस्ट हिंदी गे चुदाई कहानी
रेशमा कुछ समय मुझे देखती रही और कहा “अगर बुरा ना मानो तो मेरे घर आ जाना मैं तुम्हें पढ़ा दूंगी”, मैं कुछ देर सोच रहा था और हां कह दी।
अगले दिन मैं जब रेशमा के घर गया तो देखा कि उसका बड़ा भाई मुझे देख कर घूर रहा था, तभी रेशमा ने मेरी और उसकी पहचान करा दी।
रेशमा का भाई ऊंचा तगड़ा और मस्कुलर था, वो मेरी तरफ देखता रहा, मैंने उसे हैलो कहा और वो निकल पड़ा।
रेशमा की मम्मी भी काफी अच्छी थी, उन्होंने हमें चाय और नास्ता दिया और हम पढ़ाई करने बैठ गए। थोड़ी देर बाद रेशमा की मम्मी ने उसे आवाज़ दी “रेशमा चलो बाज़ार जा के आते हैं”।
तब रेशमा मुझसे बोली” सिराज तुम पढ़ई करो मैं मार्केट जा के आती हूं”, मैं थोड़ी देर पढ़ रहा था और फिर मेरे दिल में ख्याल आया क्यों ना रेशमा का वॉर्डरोब चेक किया जाए। (लड़की बना कर पलंग तोड़ चुदाई)
तभी मैंने रेशमा का वॉर्डरोब खोला और देखा काफी सारी ब्रा और पैंटी रखे थे। जिसे देख कर मेरे अंदर की औरत जग चुकी थी।
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मैंने अपने कपडे उतारे और काले रंग की ब्रा पहनी और अपनी लड़की को मिरर में देखा।
फिर मैंने सफ़ेद रंग की कम पैंटी पहनी और अपने आप को मिरर में देखा, मुझे अब अपनी लड़की होने का एहसास होने लगा था।
अब मैंने रेड लिपस्टिक लगाना शुरू कर दिया कि अचानक रेशमा का भाई घर में घुस गया, शायद उसके पास एक एक्स्ट्रा चाबी थी। अब वो मेरे सामने था, मुझे काफी डर लगने लगा था, पर वो बोला “मुझे पता था कि तुम गे हो”।
मैं बोला “भाई किसी को बताना नहीं” तो बोला “एक शर्त पर कि तुम्हें मेरी हर एक बात मननी पड़ेगी” मैंने कहा “ठीक है”।
तभी वो मुझे घुरने लगा और मेरे मम्मो को दबाने लगा, मुझे एक अलग सा अहसास होने लगा, तभी वो बोला “सच मैं तुम लड़की तो नहीं हो पर लड़की से कम भी नहीं हो”। (लड़की बना कर पलंग तोड़ चुदाई)
तभी वो मुझसे बोला “आज से तुम मुझे सर बुलाओगे और मेरी हर बात मानोगे” मैंने कहा “जी सर”।
तभी सर ने अपनी पैंट खोली और अपना लंड बाहर निकाला, मैं तो देखता ही रह गया, सोया हुवा था पर 5 इंच का, तभी सर ने कहा “चलो शुरू हो जाओ”। ये कहानी आप देसी गे कहानी readxstories.com पर पढ़ रहे हैं।
उनके लंड को देख कर मुझे तो नशा ही चढ़ गया, मैंने उनका लंड हाथ में लिया तो मुझे काफी गर्मी महसूस हुई, मैंने उनके लंड पर जुबान फिराई और मुंह में लेने की कोशिश कर रहा था।
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तब भी उनका लंड पूरा तरह खड़ा हो गया, वो 8 इंच का तो था ही और 3 इंच मोटा, मैंने उनके लंड का चमड़ा पीछे कीया और चाटने लगा,
उनका लंड काफी तगड़ा हो चुका था, मैं पूरा मुँह में नहीं ले सकता था बस लेने की कोशिश कर रहा था।
अचानक उन्होंने मेरे लंड को हाथ लग गया और कहा “बस इतना सा?” (मेरा लंड काफी छोटा है खड़ा होने पर सिर्फ 4 इंच का होता है) और कहा “तुम्हें तो लड़की होना चाहिए था लड़का नहीं”। (लड़की बना कर पलंग तोड़ चुदाई)
अब वो मेरी गांड को दबाने लगे और कहा “इतनी मुलायम और बड़ी” वो मेरी गांड के छेद पर हाथ घुमाने लगे और कहा “पहले कभी किसी से चुदवाये हो?”।
तो मैंने कहा “नहीं आप ही उदघाटन कर दो” पर मुझे डर भी लग रहा था, के मैं इतना बड़ा लंड कैसे ले पाउंगा।
तभी अचानक सर का फ़ोन बजा जो उनकी माँ का था, उन्हें कहा “कहा हो मैं घर आ रही हूँ मुझे तुमसे काम है जल्दी घर आओ”।
तभी सर ने कहा “जल्दी से कपडे पहनो और पढाई शुरू करो” मेरा तो मानो मूड ऑफ हो गया, मैं सर के लंड को देखता हुआ कपडे पहन रहा था।
तभी सर ने मुझे किस किया और कहा “कल शाम को घर पर कोई नहीं होगा तभी आ जाना” मैंने कहा “ठीक है” और पढाई करने लगा।
तभी रेशमा और उसकी माँ मार्केट से आ चुकी थी और रेशमा ने मुझसे कहा “कितनी पढ़ाई हुई सिराज?” मैने कहा “कुछ समझ नहीं आ रहा है”, तो उसने कहा बहुत मेहनत करनी पड़ेगी और हंसने लगी।
अगले दिन जब मैं घर पर सुबह उठा तो मुझे कल की बात याद आई कि सर के पास जाना है।
मैं मेडिकल गया और वीट खरीद और नहाया और पुरे शरीर के बाल निकल दिये (वैसे तो मेरे बाल काफी कम है) और आपने आप को आइने में देखने लगा। (लड़की बना कर पलंग तोड़ चुदाई)
शाम को जब 6 बजे तो मैंने अपने घर पर बहना बनाया के मैं दोस्त के घर जा रहा हूं और मैं सर के घर पहुंच गया।
सर मेरा इतजार कर रहे थे, मैं घर में घुसा तो उन्हें मुझे गोद ने उठाया और किस करने लगे और कह जाओ तेयार हो जाओ और उन्हें मुझे रेशमा के कमरे में भेज दिया।
अब मैं तेयारी करने लगा और मैंने लाल रंग की ब्रा पैंटी पहनी और नीले रंग की लायरा लेगिंग्स पहनी और एक टैंक टॉप डाला।
काजल बिंदी और मेकअप लगाया, चूड़ियाँ पहनी और रेडी हो कर बाहर निकला तो सर का मुँह खुला रह गया।
वो मुझसे लिपट गए और बोले “आज से तुम सिराज नहीं सिरु हो” मैंने कहा “जी सर”। फ़िर सर मुझपे पर टूट पड़े और उन्हें मुझे हर तरह से चूमा, मैं भी होश खो रहा था, सर मैं मुझे मेरा पति नज़र आ रहा था।
मुझे एहसास होने लगा था कि मैं एक लड़की हूं जिसे लंड चाहिए, अमीने सर का हथियार निकला और चूसने लगा।
उनका सुपड़ा काफी बड़ा था पर मुझे परवा नहीं थी, मैं बस चूसे जा रहा था, उनका प्री-कम निकला तो मैंने पूरी चाट लिया।
तभी सर ने मुझे नंगा किया और पूरे शरीर को चाटने लगे, मेरे गांड के छेद को चाटने लगे और एक उंगली अंदर डाल दी।
मैं तड़प उठा पर सर ने कहा “शांत हो जाओ सिरु सब ठीक होगा और मजा भी आएगा”। (लड़की बना कर पलंग तोड़ चुदाई)
सर ने मेरी गांड के छेद पे एक क्रीम लगाई और सुपाड़ा छेद पे रखा और जोर से ढका मारा, मेरे तो आसू ही निकल गए।
मैंने कहा “निकालो वरना मैं मर जाऊंगा” पर उनकी ताकत और पकड़ काफी मजबूत थी।
वो रुके और कहा “बस थोड़ी देर और सिरु बहुत मजा आएगा” और जोर का धक्का लगया और आधे से ज्यादा लंड मेरी गांड में घुस गया।
मैं बेहोसी के हालात में था पर सर रुके नहीं और पूरा सुपाड़ा अंदर डाल दिया, मेरी गांड में से खून निकल रहा था, तब सर रुके और शांत हुए, फिर थोड़ी देर बाद धक्के चालू किये और धीरे धीरे आगे पीछे करने लगे।
वो कुछ इस तरह से कर रहे थे कि मुझे काफी मजा आने लगा और मैं उनका साथ देने लगा।
उन्होंने स्पीड बधाई तो मेरा पानी निकल गया और मैं काफी खुश था, सर ने मुझे औरत जो बना दिया था।
सर चुदाई की स्पीड बढ़ाते रहे और 15 मिनट बाद सर ने मुझसे कहा “मेरे बच्चे की माँ बनोगी” तो मैंने कहा “हाँ” तो सर ने अपना काम-रस मेरी गांड के अंदर ही छोड़ दिया।
उनका इतना पानी निकला कि मेरी गांड पूरी तरह गरम लावे से भर गई, ऐसा एहसास होने लगा जैसे मैं पूरी औरत बन गया हूं।
सर ने लंड जैसा निकाला मैं सर के लंड पर टूट पड़ा और चाटने लगा और पूरा माल चाट गया। (लड़की बना कर पलंग तोड़ चुदाई)
थोड़ी देर बार सर का लंड फिर से खड़ा हुआ, तो सर ने फिर एक बार मेरी चुदाई शुरू कर दी, पर इस बार उन्हें मुझे घोड़ी बनाया और जोर के झटके लगाने लगे, पूरे कमरे में चप चप चप की आवाज आने लगी।
बिस्तर जोर से हिल रहा था चर्र चर्र की आवाज जैसी थी कि मानो पलंग तोड़ चुदाई चल रही थी।
पर सर नहीं रुकने वाले थे वो तो बस जबरदस्त धक्के लगा रहे थे और मेरी तो हालत रोने की तरह हो रही थी, सर छोड़ ही नहीं रहे थे, सर बस करो मैंने कहा तो वो और जोर से चोदने लगे।
मैं सोच रहा था कि इनका लंड है या डंडा, तभी सर ने मुझे गोद में उठाया और धक्के देने लगे, मैं चिल्ला रहा था काफी दर्द हो रहा था और साथ में मजा भी आ रहा था।
तभी सर ने मेरी गांड में अपना रस डाला और शांत हो गए और दूसरे कमरे में चले गए और मैं कमरे में थका हारा पर खुश औरत की तरह बिस्तर पर लेट गया। (लड़की बना कर पलंग तोड़ चुदाई)
दोस्तो कैसी लगी आपको मेरी आप बीती मुझे कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताए। धन्यवाद।
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