Flipoads.com के पाठकों को मेरा नमस्कार मेरा नाम उमेश है मैं दिल्ली के करोल बाग का रहने वाला हूं यह पड़ोसन की टाइट चूत कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है जो मेरे साथ करीबन 7 महीने पहले घटी थी
मैंने घड़ी देखी तो सुबह के 10 बज रहे थे. मैं घर पर अकेला बोर हो रहा था इसलिए मैंने सोचा कि क्यों न आज कहीं घूमने चला जाए और मैं उस दिन अकेले ही घूमने के लिए निकल पड़ा।
हालाँकि यह थोड़ा अजीब था, जब मैं उस दिन अकेले शॉपिंग के लिए निकला तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं उस दिन तानिया से मिल पाऊँगा। तानिया से मेरी मुलाकात मॉल में ही हुई थी और जब तानिया और मैं एक दूसरे से मिले तो हम दोनों को एक दूसरे बहुत पसंद आए। तानिया स्कूल में मेरे साथ ही पढ़ती थी और मेरी उससे बहुत अच्छी बातचीत है।
और मैं तानिया से मिलकर बहुत खुश हुआ. तानिया ने मुझे बताया कि वह शादीशुदा है और अपने पति के साथ रहती है. मैंने तानिया से कहा यह तो बहुत अच्छा हुआ कि तुम से मेरी मुलाकात हुई, काफी समय बाद ही सही लेकिन मेरी तुमसे मुलाकात तो हुई। मैं बहुत खुश था, तानिया भी बहुत खुश थी जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे से मिले।
मैंने तानिया का नंबर ले लिया और उससे कहा कि मैं तुमसे फिर कभी मिलूंगा तो तानिया ने कहा कि ठीक है जब तुम्हारे पास समय हो तो तुम मुझे फोन कर लेना। तानिया वहां से चली गयी थी और मैं घर लौट आया था.
जब मैं उस दिन वापस लौटा तो मेरी मां ने मुझसे कहा कि बेटा तुम मुझे अपनी चाची के घर छोड़ दो। मेरी चाची, जो हमारे पड़ोस में रहती हैं, और मैंने अपनी माँ को अपनी चाची के घर छोड़ दिया। माँ की तबीयत ठीक नहीं थी इसलिए मुझे उन्हें अपनी चाची के घर छोड़ना पड़ा।
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मैं वहां से घर लौट आया. जब मैं वापस लौटा तो पापा ने मुझसे पूछा कि क्या तुम अपनी मां के साथ अपनी चाची के घर गए थे, तब मैंने पापा से कहा कि हां पापा, मैं अपनी मां के साथ अपनी चाची के घर गया था।
पापा और मैं बैठ कर बातें कर रहे थे तभी कुछ देर बाद मां भी घर वापस आ गईं। उसके बाद घर में काम करने वाली नौकरानी ने भी खाना बनाया, उसके बाद हमने खाना खाया और मैं अपने कमरे में चला गया. जब मैं अपने कमरे में गया तो मुझे नींद नहीं आ रही थी इसलिए मैं छत पर चला गया और कुछ देर वहां टहलने के बाद वापस लौट आया। जब मैं लौटा तो मैं सोने की तैयारी कर रहा था और थोड़ी ही देर में मुझे नींद आ गई.
अगले दिन जब मैं अपने ऑफिस के लिए निकला तो मेरी तबीयत ठीक नहीं थी लेकिन फिर भी मैं ऑफिस गया। जब मैं वहां से लौट रहा था तो मेरी तबीयत ठीक नहीं थी इसलिए मैं डॉक्टर के पास गया। जब मैं डॉक्टर के पास गया तो डॉक्टर ने मुझसे कहा कि मैं तुम्हें कुछ दवाइयां दे दूं।
मुझे हल्का बुखार था और अब मैं घर आ गया हूं. रात को दवा लेने के बाद मुझे थोड़ा आराम महसूस हो रहा था। एक दिन मेरे मन में ख्याल आया कि मुझे तानिया को फोन करना चाहिए और जब मैंने उसे फोन किया तो वह मुझे कहने लगी कि आपने काफी समय से मुझे फोन नहीं किया है। मैंने तानिया से कहा मैं तुमसे मिलना चाहता हूं
तानिया ने कहा, ठीक है मिलते हैं। हमने मिलने का फैसला किया था. जब मैं तानिया से मिला तो उस दिन तानिया से मिलकर मुझे अच्छा लगा और मेरी कुछ पुरानी यादें ताजा हो गईं।
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जब हम दोनों एक दूसरे से मिले तो हमें बहुत अच्छा लगा। हम दोनों एक दूसरे से अक्सर मिलने लगे और जब भी हम एक दूसरे से मिलते तो हमें बहुत अच्छा महसूस होता। एक दिन जब तानिया और मैं साथ में थे तो मैंने तानिया से कहा कि क्यों ना हम दोनों आज अपने पुराने दोस्तों से मिलें।
हम दोनों ने फैसला किया कि आज हम अपने पुराने दोस्तों से मिलेंगे और मैंने उस दिन अपने कुछ पुराने दोस्तों को फोन किया और हमने मिलने का फैसला किया। जब हम मिले तो एक दूसरे को बहुत पसंद आये. तानिया की शादीशुदा जिंदगी बहुत अच्छी चल रही है और मैं उससे मिलता रहता हूं।
हम दोनों जब भी एक दूसरे से मिलते हैं तो हम दोनों को बहुत अच्छा लगता है। मुझे अपने ऑफिस के सिलसिले में कुछ दिनों के लिए कानपुर जाना था और मैं कुछ दिनों के लिए कानपुर चला गया। जब मैं कानपुर गया, जब मैं वहां से लौट रहा था
तो उस दिन फ्लाइट में मेरे बगल में एक लड़की बैठी थी. हालाँकि हमारी ज्यादा बात नहीं हुई लेकिन मुझे उसका नाम पता चल गया था, उसका नाम तानिया है।
तानिया से मिलकर मुझे अच्छा लगा और काफी समय बाद मैं उसके बारे में भूल चुका था लेकिन एक दिन हम दोनों की मुलाकात हुई। जब मैं तानिया से मिला तो मुझे अच्छा लगा। अब मैं जब-तब तानिया से मिलता रहता हूं.
और अगर हम दोनों एक दूसरे से मिलते तो हम दोनों को बहुत खुशी होती। शायद यह भी एक संयोग ही था कि हम पहली बार फ्लाइट में मिले और उसके बाद हम एक-दूसरे के इतने करीब आ गये, जिसकी हम दोनों ने कभी कल्पना भी नहीं की थी.
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अब हम दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे थे और मैं तानिया के साथ रिलेशनशिप में था। जब मैंने यह बात तानिया को बताई तो तानिया ने मुझसे कहा कि मैं तानिया से मिलना चाहता हूं। जब तानिया ने मुझसे तानिया से मिलने के लिए कहा तो मैंने तानिया से कहा कि ठीक है मैं तुम्हें तानिया से मिलवा दूंगा। जब मैंने पहली बार तानिया को तानिया से मिलवाया तो मुझे पता चला कि तानिया तानिया को पहले से ही जानती थी।
तानिया, तानिया के पड़ोस में ही रहती है और मेरे और तानिया के बीच रिश्ता बहुत अच्छा चल रहा है। हमारा रिश्ता एक दूसरे के साथ बहुत अच्छा चल रहा है और हम दोनों बहुत खुश हैं।
तानिया और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे के साथ थे। तानिया और मेरा रिश्ता अच्छा चल रहा है और हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश हैं। जब भी हम दोनों साथ में होते हैं तो हमें बहुत अच्छा लगता है और मैं तानिया के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश करता हूं।
जब भी वह मेरे साथ होती है तो उसे बहुत अच्छा लगता है। हम दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करने लगे हैं और जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे हैं उससे अब मुझे लगने लगा है कि तानिया के बिना रहना मेरे लिए मुश्किल है।
मैं तानिया के बिना एक पल भी नहीं रह सकता और जब भी तानिया और मैं एक दूसरे के साथ होते हैं तो हम दोनों को बहुत अच्छा लगता है और तानिया को भी बहुत अच्छा लगता है।
एक दिन मैं और तानिया साथ में बैठे हुए थे और जब हम लोग एक दूसरे से बात कर रहे थे तो कहीं ना कहीं मेरे दिल में तानिया के साथ अकेले में समय बिताने का ख्याल आने लगा।
मैंने सोचा कि क्यों न तानिया के साथ अकेले समय बिताया जाए। जब मैंने उस दिन तानिया को इस बारे में बताया तो तानिया ने भी मेरी बात नहीं टाली और वह मेरे साथ अकेले में समय बिताने के लिए तैयार हो गई।
तानिया उस दिन मेरे साथ ही रुकने वाली थी. इस बात से हम दोनों बहुत खुश थे. जब तानिया और मैं उस दिन होटल में थे तो हम दोनों एक दूसरे के बगल में बैठे हुए थे और एक दूसरे से बातें कर रहे थे।
लेकिन जब मैंने उसकी जांघ को सहलाकर उसकी गर्मी को बढ़ाना शुरू किया तो वह खुश हो गई। वह मुझे कहने लगी मुझे अच्छा लग रहा है हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को बढ़ाए जा रहे थे।
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मैं पूरी तरह से उत्तेजित हो चुका था और उसने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया था। जब उसने मुझसे कहा कि तुम मेरी चूत में अपना लंड डालो. अब मैंने भी उसकी योनि को चाटकर उसकी गर्मी को बढ़ाना शुरू कर दिया।
जैसे ही मैंने अपने मोटे लिंग को उसकी योनि के अंदर डाला तो वह बहुत ज्यादा गर्म होने लगी और मैं भी गर्म हो गया। मैं उसे तेजी से धक्के मारने लगा और उसकी कराहें तेजी से बढ़ती जा रही थीं.
उसकी कराहें बढ़ने लगीं. अब मैं उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रखकर तेजी से धक्के लगाने लगा और वह मुझसे और भी तेजी से धक्के लगाने के लिए कहने लगी. मैं उसे बहुत तेजी से धक्के मार रहा था और मेरे धक्के तेज होते जा रहे थे। जब मेरा वीर्य मेरे अंडकोष से बाहर गिरा तो मुझे ख़ुशी हुई।
अब तानिया भी बहुत खुश थी हम दोनों एक दूसरे के साथ अच्छे से सेक्स का आनंद ले पा रहे थे। हम दोनों ने एक दूसरे की गर्मी को पूरी तरह से शांत कर दिया था और उसके बाद भी हम दोनों अक्सर एक दूसरे के साथ सेक्स किया करते थे।
जब भी हम लोग एक दूसरे के साथ सेक्स करते तो हम दोनों को बहुत अच्छा महसूस होता था और तानिया मेरा लंड लेने के लिए हमेशा तैयार रहती थी।
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